छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) पूरे देश का गौरव हैं और इन्हें देखकर न जाने कितने वीर-योद्धाओं ने प्रेरणा ली है। इसी को देखते हुए एक एनजीओ ‘आम्ही पुणेकर (वी पुणेकर) ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (India-Pakistan line of control) के पास शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने का फैसला किया है। बकौल एनजीओ, इसके पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि दुश्मनों से लड़ने वाले सैनिक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को देखकर उनके आदर्श और नैतिक मूल्यों से प्रेरित हों।
इसके साथ ही सैनिक हिंदू राजा की बहादुरी को याद करें और दुश्मनों से लड़ने की प्रेरणा प्राप्त करें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कश्मीर की किरेण (Kiran) और तंगधार-टिटवाल (Tangdhar-Titwal) घाटियों में दो स्थानों पर नियंत्रण रेखा के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कश्मीर में कुपवाड़ा के जिलाधिकारी डॉक्टर सागर दत्तात्रेय डोईफोडे (Dr Sagar Dattatreya Doiphode) की अनुमति से प्रतिमा स्थापित की जाएगी। छत्रपति शिवाजी महाराज अटकेपर स्मारक समिति (Chhatrapati Shivaji Maharaj Atakepar Smarak Samiti) के प्रमुख अभयराज शिरोले और ‘वी पुणेकर’ एनजीओ के अध्यक्ष हेमंत जाधव ने इस पहल की योजना बनाई है।
हेमंत जाधव ने बताया, “प्रतिमा स्थापना कार्य के लिए भूमि पूजन मार्च के अंत तक होगा। शिवाजी के पदचिह्नों से पवित्र हुए रायगढ़, तोराना, शिवनेरी, राजगढ़ और प्रतापगढ़ किलों की मिट्टी और पानी को भूमि पूजन के लिए कश्मीर ले जाया जाएगा। ‘आम्ही पुणेकर (Amhi Punekar)’ इस कार्य को करेगी।”
अभयराज शिरोले ने कहा, ”छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी रणनीति और साहसिक कार्यों से दुश्मनों को खदेड़ दिया था। दुनिया भर के विभिन्न देश उनकी गुरिल्ला युद्ध तकनीकों को मानते हैं। शिवाजी के आदर्शों और प्रतिमा के माध्यम से सीमा पर भारतीय सैनिकों को प्रेरणा देने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जा रही है।”
उल्लेखनीय है कि मराठा रेजीमेंट द्वारा जनवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर में छत्रपति शिवाजी महाराज की दो प्रतिमाओं की स्थापना की गई थी। इनमें से एक प्रतिमा को समुद्र तल से 14800 फीट की ऊँचाई पर एलओसी के पास स्थापित किया गया है। अब, पुणे स्थित गैर सरकारी संगठनों द्वारा दो और प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा।