आँध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले में 2 बच्चों के साथ स्कूल में हुए अमानवीय व्यवहार की तस्वीर सामने आई है। जिनमें देखा जा सकता है कि बच्चों को स्कूल परिसर में शिक्षा देने के बजाए किस प्रकार पशुओं की भाँति रस्सी से बाँधकर दंड दिया जा रहा है।
‘द न्यूज मिनट’ की रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना कादिरी मंडल के मूसनपेट अपर प्राइमरी स्कूल की है। जहाँ तीसरी कक्षा और पाँचवी कक्षा के 2 छात्रों को रस्सी से कसके बाँधकर बेंच के पास रखा गया और शिक्षक अन्य बच्चों से बात करते रहे। जानकारी के मुताबिक बच्चों के ऊपर ये निर्ममता भरा व्यवहार उनके शैतानी करने के कारण हुआ। जिससे परेशान होकर स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीदेवी ने उन्हें ये सजा दी। उन्होंने चौथी के बच्चे को आदेश दिया कि वो उन्हें रस्सी से बाँधे।
हालाँकि, हेडमास्टर श्रीदेवी का कहना है कि ये सब बच्चों के घरवालों की शिकायत पर हुआ है। उनके अनुसार दोनों बच्चों में से एक की माता ने आकर शिकायत की थी कि वो स्कूल से बड़े बच्चों की किताबें घर ले जाता था और अन्य चीजें भी चुराता था। इसलिए उसकी माँ मे उसे मारा और यहाँ बाँधकर चली गई। उनका कहना है कि अब ऐसी स्थिति में वो क्या कह सकती थीं… लेकिन सोचने वाली बात ये है कि अगर प्रधानाध्यापिका की कही बात सच भी है तो क्या उन्हें इस बात पर संज्ञान नहीं लेना चाहिए था कि उनके स्कूल परिसर में क्या हो रहा है?
हेडमास्टर श्रीदेवी ने क्लास 5 के बच्चे की सजा पर सफाई पेश करते हुए कहा कि उसे लव लेटर लिखने पर दंड मिला है। उनके मुताबिक लव लेटर देखकर गुस्से में आए उसके घरवालों ने उसे यहाँ बाँधा, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि ये उनकी जिम्मेदारी है कि उनके स्कूल में क्या होगा क्या नहीं… तो उन्होंने जवाब दिया,”मैं अभिभावकों पर चिल्लाई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया तो वो भाग जाएँगे। इसके बाद हम किसी काम में व्यस्त हो गए, तो सोचा कि इन सबसे बाद में निबटा जाएगा।”
जब मीडिया ने उनसे सवाल किया बच्चे अभिभावकों को दोषी न बताकर, उन्हें इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि वे सिर्फ़ बदनाम करने की कोशिश है, क्योंकि हम अक्सर उन्हें डाँटते रहते हैं।
गौरतलब है कि इस मामले पर बलाला हक्कुला संघम (sBalala Hakkula Sangham) एनजीओ में बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अच्युता राव ने बाल अधिकार आयोग को याचिका दायर कर दी है। इस याचिका में बच्चों के साथ किए जाने वाले बर्बर व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई करने की माँग है। साथ ही इस बात का भी हवाला दिया गया है कि प्रधानाध्यापिका श्रीदेवी ने बाल अधिकारों का हनन किया। इस मामले को जिलाधिकारी के संज्ञान में भी भेजा गया है। जिसमें इस बात का उल्लेख है कि छात्रों द्वारा कक्षा में ध्यान न देने के कारण उन्हें पशुओं की तरह बाँधा गया।
इसके अलावा एनजीओ ने इस मामले पर जल्द से जल्द आपराधिक कार्रवाई के अलावा तुरंत विभागीय कार्रवाई की माँग की है। द न्यूज मिनट से बात करते हुए राज्य के बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष गंता हीमावथी ने बताया कि इस मामले में म्यूनिसिपल कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर से बात हो चुकी है। अब वे जाँच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। निष्कर्षों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। उनके मुताबिक ये मामला अनुशासनहीनता का है, जहाँ दंड में बच्चों को रस्सी से बाँधा गया। अब क्योंकि शारीरिक दंड देना अपराध है, तो उसी के मुताबिक कार्रवाई होगी।