आपको याद होगा कि कैसे शारदा स्कैम मामले में सीबीआई और कोलकाता पुलिस में ठन गई थी। मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कोलकाता के चीफ कमिश्नर राजीव कुमार पर सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोपों को काफ़ी गंभीर बताया। सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को 10 दिनों के भीतर सीबीआई के आरोपों का जवाब देने को कहा है। जस्टिस गोगोई ने कहा कि सीबीआई द्वारा कही गई कुछ बातें बहुत बहुत गंभीर है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच में जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल थे।
A bench of Supreme Court, headed by CJI, said, “We will later determine the charges and counter charges after hearing from both the sides.” The Court, while pursuing CBI report, said, CBI status report against Rajeev Kumar reveals something very very serious. https://t.co/fA9yB9Z2Fp
— ANI (@ANI) March 26, 2019
बता दें कि सीबीआई की रिपोर्ट को एक सील्ड कवर में फाइल किया गया। इस कारण सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो दूसरे पक्ष को बिना सुने इस समय किसी भी प्रकार के ऑर्डर जारी नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो चार्जेज और काउंटर-चार्जेज को सुनने के बाद ही कोई निर्णय लेगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला को राजीव कुमार के ख़िलाफ़ शारदा चिट फण्ड स्कैम की जाँच में सबूतों व फाइलों से की गई छेड़छाड़ को साबित करने के लिए चार्जशीट फाइल करने को कहा था। ज्ञात हो कि राजीव कुमार उस स्पेशल टीम का हिस्सा थे, जो शारदा चिट फण्ड घोटाले की जाँच कर रही थी।
कोर्ट को दी गई एफिडेविट में सीबीआई ने कहा था कि 2009 में केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को आगाह किया था कि चिट फण्ड कम्पनियाँ लोगों को धोखा दे सकती हैं लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र की बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया और उलटा इस घोटाले को होने दिया। जाँच एजेंसी ने कहा कि इस घोटाले के पीछे बहुत बड़ी साज़िश है। इस घोटाले से जुड़े एक टीवी चैनल को 6.21 करोड़ रुपए दिए गए थे, जिस पर कार्रवाई चल रही है। इसी तरह तृणमुल कॉन्ग्रेस द्वारा संचालित समाचार पत्र ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बनाई गई पेंटिंग को 6.5 करोड़ रुपए में बेची। इस पर भी सीबीआई की नज़र है।
सारदा चिटफंड घोटाला जांच मामले में पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ CBI की अवमानना याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से CBI की उस स्टेटस रिपोर्ट पर 10 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा, जिसे जांच एजेंसी ने सील कवर में दर्ज किया था। (ANI)
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) March 26, 2019
आपको याद होगा कि रविवार (फरवरी 3, 2019) को जब जब CBI के अधिकारीगण राजीव कुमार के बंगले पर पहुँचे थे, तब बंगाल पुलिस ने न सिर्फ़ केंद्रीय एजेंसी की कार्यवाही में बाधा पहुँचाई, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार भी किया था और उन्हें अपराधियों की तरह उठा कर थाने ले गए थे। सैंकड़ों की संख्या में पुलिस फ़ोर्स ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के आधिकारिक परिसरों को घेर लिया था। पुलिस यहीं नहीं रुकी, जाँच एजेंसियों के अधिकारियों के आवासीय परिसरों को भी नहीं बख़्शा गया। ममता बनर्जी ने मामले को रफा-दफा करते हुए इसे केंद्र बनाम राज्य बना कर राजनीतिक रंग से पोत दिया और धरने पर बैठ गई थीं। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को शिलॉन्ग में सीबीआई के समक्ष पेश होने का आदेश दिया।