सुशांत सिंह राजपूत मामले में जाँच कर रही एम्स की फॉरेंसिक टीम ने हैरान करने वाले संकेत दिए हैं। एम्स की फॉरेंसिक टीम का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत के शरीर से विसरा निकाला गया था लेकिन निकालने के बाद उसे सुरक्षित नहीं रखा गया था। एम्स की फॉरेंसिक टीम ने यह संकेत भी दिए हैं कि इस मामले में पूरी तरह लापरवाही हुई है।
समाचार एजेंसी IANS के मुताबिक़ डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी को जितना विसरा मिला था, उसकी मात्रा बहुत कम थी। इतना ही नहीं, वह विसरा (जिगर, अग्नाशय और आंत सहित शरीर का आंतरिक हिस्सा) डीजनरेट हो चुका था यानी बहुत बेहतर स्थिति में नहीं था। जिससे इस मामले पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। एम्स की फॉरेंसिक टीम आज इस मामले में सीबीआई की एसआईटी से मुलाक़ात करके अपनी जाँच रिपोर्ट सौंपेगी।
शुक्रवार (18 सितंबर 2020) की देर रात तक एम्स का फॉरेंसिक विभाग विसरा जाँच कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि सुशांत सिंह मामले में विसरा रिपोर्ट की भूमिका अहम होगी क्योंकि इससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि सुशांत सिंह राजपूत को ज़हर दिया गया था या नहीं और ज़हर दिया गया था तो उसकी मात्रा कितनी थी।
टाइम्स नाउ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ अभी तक सामने आए नतीजों के आधार पर एम्स का कहना है विसरा ‘डीजनरेट’ हो चुका था। वह विसरा पूरी तरह विकृत हो चुका था, जिसकी वजह से केमिकल और टॉक्सिको लॉजिकल विश्लेषण करने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
एम्स की 5 सदस्यों वाली फॉरेंसिक टीम सुशांत सिंह की मेडिकल फ़ाइल खँगाल रही है। इस जाँच के माध्यम से यह पता चलना है कि सुशांत को ज़हर दिया गया था या नहीं। एम्स के फॉरेंसिक विभाग के मुखिया डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया कि इस टेस्ट की रिपोर्ट 10 दिन के अंदर आ जाएगी।
डॉ. सुधीर उस मेडिकल बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, जिसका गठन सुशांत सिंह मामले की सीबीआई जाँच में मदद करने के लिए हुआ था। सीबीआई के अनुरोध के बाद पिछले हफ्ते इस बोर्ड का गठन हुआ था। इसी बोर्ड ने सुशांत सिंह मामले से जुड़ी तमाम मेडिकल रिपोर्ट की जाँच भी की। डॉ. गुप्ता ने यह भी कहा कि इसके अलावा हम सुशांत सिंह को दी गई दवाओं की भी जाँच करेंगे। उन दवाइयों की जाँच एम्स की प्रयोगशाला में की जाएगी।