पत्रकार सुष्मिता सिन्हा की सोशल मीडिया पर जम कर आलोचना हो रही है। वो अक्सर उग्र वामपंथी विचारधारा से जुड़ी सामग्रियाँ शेयर करने के कार विवादों में रहती हैं लेकिन फ़िलहाल कारण कुछ और है। दरअसल, सुष्मिता सिन्हा ने हरतालिका तीज व्रत की पवित्र पुस्तक को ‘टॉयलेट पेपर’ के रूप में प्रयोग किया है। सुष्मिता सिन्हा का दावा है कि उन्होंने हरतालिका तीज पर महिलाओं द्वारा उपवास किए जाने के विरोध में ये वीडियो बनाया।
अपने यूट्यूब चैनल पर बनाए गए वीडियो में सुष्मिता सिन्हा ने हरतालिका तीज की पुस्तक हाथ में लेकर कहा कि उन्होंने इस ‘रद्दी’ के लिए पूरे 15 रुपए खर्च किए हैं और पूछ रही हैं कि अब इसका क्या प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने कहा कि तीज की कथा वाली पुस्तक को वो टॉयलेट पेपर बनाएँगी या टिश्यू पेपर, इस सम्बन्ध में उन्हें सलाह चाहिए। ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने इसका विरोध किया है।
अपने ट्वीट में ‘हिन्दू आईटी सेल’ ने जानकारी दी है कि सुष्मिता सिन्हा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी लगाई, जिसमें उन्होंने दिखाया कि हरतालिका तीज व्रत कथा की पुस्तक उनके टॉयलेट में ‘टॉयलेट पेपर’ की जगह टँगी हुई है। बता दें कि उत्तर भारत में तीज का पर्व महिलाओं के बीच खासा लोकप्रिय है और उस दिन वो अपने परिवार के सुखद भविष्य के लिए उपवास करती हैं और पूजा करती हैं।
‘हिन्दू आईटी सेल’ ने कहा कि वामपंथियों को सीधे-सादे हिन्दुओं और उनके देवी-देवताओं को गाली देने में खासा मजा आता है। सुष्मिता सिन्हा के बारे में बताया गया है कि वो ‘बोलता हिंदुस्तान’ के लिए काम करती हैं, जो मोहम्मद रहमान के स्वामित्व में है। वैसे ये पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की हरकत की हो। उन्होंने राम मंदिर भूमिपूजन के अगले दिन 6 अगस्त को एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि जो ज़िंदा हैं, उन्हें तो नहीं मिला घर, लेकिन एक पत्थर को मिल गया।
Leftists find pleasure in abusing gentle Hindus and Hindu believes. Here @Sushmitasinhaa, who works for @BoltaHindustan (owned by Mohd. Rahmani) uses Hindu texts as toilet paper! Give us any relevant details in my DM for FIR. We already have her linkedin, insta, FB. pic.twitter.com/K6wvrbHzAZ
— Hindu IT Cell (@HinduITCell) August 25, 2020
उन्होंने जो फोटो शेयर किया था, उसमें भगवान राम नरेंद्र मोदी को कह रहे हैं कि बेटा, तुमने ये तो कहा था कि 2022 तक सबको घर मिलेगा लेकिन मुझे भी मिलेगा, ऐसा नहीं कहा था। बता दें कि पीएम मोदी की रामभक्ति को दर्शाती इस तस्वीर में वो घुटने के बल बैठ कर श्रीराम को प्रणाम कर रहे हैं। इसी पर तंज कसते हुए सुष्मिता सिन्हा ने ये ट्वीट डाला। सुष्मिता के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
जैसे ही उनकी करतूतें लोगों को पता चली और विरोध शुरू हुआ, सुष्मिता सिन्हा ने विक्टिम कार्ड खेलना चालू कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने की बात चल रही है लेकिन क्या वो लोग गिरफ्तार नहीं किए जाएँगे, जिन्होंने उनके वीडियो में उन्हें बलात्कार की धमकी दी है। साथ ही तीज की पुस्तक में लिखी बातों को भी उन्होंने ‘शत-प्रतिशत महिला-विरोधी’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि इस पुस्तक से उनकी भावनाएँ आहत हुई हैं।
वहीं सुष्मिता ने अपनी सफाई में कहा है कि लोग बिना पूरा वीडियो देखे टिप्पणी कर रहे हैं जबकि उन्होंने बस तीज की किताब में लिखी महिला-विरोधी कंटेंट को पढ़ा भर था। उन्होंने अपना पूरा वीडियो भी शेयर किया, जिसमें पूछा गया है कि इसमें पुरुषों के लिए कहीं कुछ क्यों नहीं लिखा हुआ है? हालाँकि, इसके बाद उन्होंने इसे ‘रद्दी किताब’ बताया। बता दें कि उस किताब पर हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें भी थीं।
ये मेरा पूरा video है, जिसे लोग काट कर चला रहें है pic.twitter.com/KH6SE5GyF9
— sushmita sinha (@Sushmitasinhaa) August 26, 2020
इससे पहले माँ सीता के लिए ‘₹#डी’ और अयोध्या को एक ‘₹#डीखाना’ बताने वाली विवादित हीर खान को प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि इस विवादित वीडियो को बनाने के बाद हुई शिकायतों से डर से हीर खान अपने एक रिश्तेदार के घर छुपी हुई थी। हीर खान इस वीडियो में हिन्दुओं को ‘काफिर’ बताते हुए कहती है, “सीता ₹#डी थी, सीता %$ड़ मरवाती थी, सीता चु$% मरवाती थी।”