Monday, May 19, 2025

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Media Hypocrisy

कारगिल हो या 26/11… बरखा दत्त जैसों ने खतरे में डाल दी थीं जिंदगियाँ, मीडिया को सैन्य मूवमेंट के लाइव कवरेज से रोकने का...

मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा कि रियल-टाइम कवरेज, विजुअल्स का प्रसारण या सूत्रों के हवाले से खबरें चलाना पूरी तरह बंद करना होगा।

पहलगाम के इस्लामी आतंकियों को ‘मिलिटेंट्स’ बता रहा था NYT, अमेरिकी संसद की कमेटी ने रगड़ा: ‘बंदूकधारी-चरमपंथी’ की खाल में पहचान छिपा रहा विदेशी...

अल जजीरा, बीबीसी, न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और पाकिस्तानी मीडिया डॉन जैसे बड़े संस्थानों ने आतंकियों को आतंकी कहने से परहेज किया।

हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया निशाना, पर बांग्लादेश में ‘क्रांति का कुत्ता’ बन भौंक रहा न्यूजलॉन्ड्री: कहा- भारतीय मीडिया ने हिंसा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया

न्यूज़लॉन्ड्री ने न सिर्फ बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा को कमतर दिखाने का प्रयास किया, बल्कि उसने भारतीय मीडिया को ही निशाना बनाने की कोशिश की।

डोनाल्ड ट्रंप को मारी गई गोली, अमेरिकी मीडिया बता रहा ‘भीड़ की आवाज’ और ‘पॉपिंग साउंड’: फेसबुक पर भी वामपंथी षड्यंत्र हावी

डोनाल्ड ट्रंप की हत्या के प्रयास की पूरी दुनिया के नेताओं ने निंदा की, तो अमेरिकी मीडिया ने इस घटना को कमतर आँकने की कोशिश की।

डियर आरफा, एक बार तेल लगाकर डाबर का DNA निकाल लो बाबर का, फिर सीने में नहीं चुभेगा भगवा

आरफा, जब तक आप खुद को बाबर से जोड़कर देखेंगी तब तक आपको भगवा चुभेगा ही चुभेगा। आप नहीं समझ पाएँगी कि इस धरती पर राम मंदिर का महत्व क्या है।

अभी तो अनुष्ठान शुरू हुआ है आरफा और तुम लगी छटपटाने

आरफा खानम शेरवानी जैसों को यह सनद रहे कि अभी उन सैकड़ों देवभूमि की मुक्ति शेष है, जहाँ इस्लामी बर्बरता के निशान आज भी मौजूद हैं।

सबा नकवी के लिए राम मंदिर बकवास चीज: कहा- सब अयोध्या में माथा टेक रहे, हमारा मजाक बन रहा

मीडिया गिरोह की सबा नकवी ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्य को बकवास काम बताया है। नकवी ने गाजा के हालातों पर चिंता जाहिर की है।

‘मुस्लिमों को कैसा लगेगा’: राम मंदिर जैसा दुर्गा पूजा पंडाल देख दशानन की तरह जला ‘द वायर’, वामपंथी प्रलाप के बाद आर्थिक बहिष्कार की...

वामपंथी प्रोपगैंडा पोर्टल द वायर पर छपे लेख में प्रोफ़ेसर पार्थो सारथी रे का दावा है कि श्रीराम मंदिर की तर्ज पर बना पूजा पंडाल सही नहीं है। जिसके बाद वायर के आर्थिक बहिष्कार की अपील हो रही है।

45 दिन, 450 छापेमार, गुप्त जाँच, तकनीकी निगरानी: ‘पुलिस का भी मोबाइल जब्त’ जैसी प्लानिंग के बाद जाल में फँसा NewsClick

NewsClick और चायनीज फंडिंग के मामले में छापेमारी की गई 3 अक्टूबर 2023 को। पुलिस लेकिन इनके पीछे पड़ी थी 17 अगस्त से यानी 45 दिन पहले से।

चाइनीज पैसा लेने वाला पत्रकार क्या-क्या करता है, क्या-क्या नहीं (लिख-बोल सकता)… जानिए 4 साल तक सैलरी लेने वाले पत्रकार से

चीन से पैसे लेकर प्रोपेगेंडा कैसे होगा? अपने ही देश के खिलाफ लिख लेंगे? इनका जवाब मेरे पास है क्योंकि मैंने 4 साल काम किया है चीनी कंपनी में।

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