गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Nishchalanand Saraswati) ने बुधवार (1 जून 2022) को कहा कि मक्का (Mecca) में मक्केश्वर महादेव (Makkeshwar Mahadev) बनना चाहिए। उन्होंने आगरा के ताजमहल (Taj Mahal) को भी तेजो महालय (Tejo Mahalay) घोषित करने की माँग की। उन्होंने कहा कि यह माँग नहीं आदेश है।
शंकराचार्य ने कहा कि वाराणसी के ज्ञानवापी (Gyanvapi, Varanasi) में शिवलिंग ही है और वो आदि विश्वेश्वर हैं। उन्होंने कहा कि पूरा काशी शिवलिंग है और इसमें किसी प्रकार का संशय नहीं होना चाहिए। बता दें कि विरोधी पक्ष इस शिवलिंग को लगातार फव्वारा साबित करने पर तुला है और इसके लिए शिवलिंग को अपमानित भी किया है।
वाराणसी के अस्सी स्थित मठ में हिंदू राष्ट्र संगोष्ठी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि ज्ञानवापी परिसर को जितनी जल्दी हो सके, अब हिंदुओं को सौंप देना चाहिए, ताकि शिवलिंग का जो पूर्व स्वरूप था उसमें फिर से लाया जा सके।
निश्चलानंद सरस्वती ने भारतीय मुस्लिमों से अपील की कि वे मुस्लिम आक्रांतों से खुद को अलग करें। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के पूर्वजों द्वारा मानवाधिकारों का हनन करके जो कदम उठाए गए उसे भारतीय मुस्लिमों को आदर्श नहीं मानना चाहिए। मुस्लिम समाज को अपने पूर्वजों की गलतियों को मानकर सहिष्णुता का परिचय देना चाहिए और मिलकर रहना चाहिए।
उन्होंने यहाँ तक कहा कि सऊदी अरब के मक्का में मक्केश्वर महादेव हैं और उसे वही बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से आगरा के ताजमहल को तेजो महालय घोषित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मंदिरों को संरक्षित करने के लिए काशी में तमाम शंकराचार्यों, प्रमुख पीठों के महंत एवं धर्माचार्यों का जल्दी ही सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।