एक समय में तमिलनाडु के अलग-अलग मंदिरों से चुराई गई मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ इस समय कई सौ की तादाद में चेन्नै के गुइंडी स्थित सीबीआई-सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offence Wing ) के परिसर में खुली पड़ी हुई हैं।
इनमें से कुछ मूर्तियाँ लकड़ी से निर्मित हैं तो कुछ तांबे, पत्थर और अन्य धातुओं से। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन्हें तमिलनाडु सरकार की आइडल विंग द्वारा जगह-जगह से बरामद किया गया है। जिसका दफ्तर (आइडल विंग) सीबीआई-सीआईडी की EOW के भवन में ही स्थित है।
रिपोर्ट के अनुसार इन कलाकृतियों में सदियों पुरानी मूर्तियाँ, पत्थर के खंभे, लकड़ी से बने वाहन, रथ आदि जैसी प्राचीन वस्तुएँ हैं। जिन्हें भवन के परिसर में खुली जगह पर बिन किसी खास देख-रेख के कूड़े की तरह फेंक दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन अमूल्य वस्तुओं को जिस जगह पर एक के ऊपर एक करके रखा गया है, उस जगह में और अद्यार (ADYAR) नदी के बीच केवल एक दीवार का अंतर है।
इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि ये कलाकृतियाँ आइडल विंग पुलिस द्वारा सालों से मारी जा रही छापेमारी में बरामद हुई हैं। इनमें करीब 800 से ऊपर पत्थर की मूर्तियाँ हैं, जिन्हें आइडल विंग पुलिस ने साल 2016 में अलवरपेट के जी दीनदयालन नामक एक व्यवसायी के गोदाम से बरामद किया था।
इसके बाद चेन्नैई से थोड़ी दूर कुच्चीकादु में दीनदयालन के साथी के पास से भी लकड़ी की 200 कलाकृतियाँ बरामद हुई थीं। जिसकी छापेमारी एजी पॉन मनीकावेल (AG Pon Manickavel ) के इंस्पेक्टर जनरल रहते हुए हुई थी।
द हिंदू की रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कलाकृतियों को उनके स्वामियों या संरक्षकों को सौंपने के लिए कई न्यायिक और ब्यूरोक्रेटिक परेशानियाँ हैं। जिस कारण इन्हें बिना कोर्ट की सुनवाई पूरे हुए नहीं दिया जा सकता। आइडल विंग ने किसी तरह की भी न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक इन कलाकृतियों को संभाले रखने के लिए अपने दफ्तर के परिसर में रखा हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें कि इस अभियान के तहत प्रसिद्ध कल्लिडईकुरुचि (Kallidaikurichi) की नटराज मूर्ति भी ऑस्ट्रेलिया वापस लाकर श्री कुलासेकरनमुद्दैयर मंदिर (Sri Kulasekaramudaiyar) को लौटा दी गई है। और तनजवुर भ्रिहादीशवर मंदिर की मूर्तियाँ भी साराभाई म्यूजियम से मंगवा ली गई हैं। जबकि बाकी सभी कलाकृतियाँ अब भी अपनी न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के इंतजार में हैं, ताकि उनकी कस्टडी उनके संरक्षकों को सौंपी जा सके।
बता दें कि AG Pon Manickavel को उनकी रिटायरमेंट के बाद आइडल विंग का स्पेशल ऑफिसर बनाया गया था। जिसके बाद उनके निर्देशों में ये छापेमारियाँ हुई। लेकिन, चेन्नई के एग्मोर स्थित सरकारी म्यूजियम ने इन कलाकृतियों को रखने के लिए मना कर दिया और अन्य जगहों पर भी कागजी कार्रवाइयों के कारण अटकी हुई है।