तमिलनाडु में ज़हरीले शराब हुई 56 मौतों के बाद राजनीति भी गर्मा गई है। भाजपा ने I.N.D.I. गठबंधन की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। कल्लाकुरिची में हुई इस घटना को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व जगन्नाथपुरी से सांसद संबित पात्रा ने कहा कि ‘राज्य द्वारा की गई हत्या’ करार देते हुए पूछा है कि आखिर कॉन्ग्रेस इस पर चुप क्यों है? उन्होंने मुख्यमंत्री MK स्टालिन से सफाई देने की माँग की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय कलक्टर के मौतों को नकारते हुए मामला रफा-दफा करने की कोशिश की।
उन्होंने पूछा कि क्या राज्य के शीर्ष नेतृत्व ने प्रशासन को ऐसा करने का आदेश दिया था? उन्होंने ध्यान दिलाया कि कॉन्ग्रेस के किसी भी बड़े नेता ने इस घटना पर बयान नहीं दिया है। उन्होंने पूछा कि जो लोग दलितों के अधिकार के लिए लड़ने का दावा करते हैं और कैंडल मार्च निकालते हैं, वो आज इतने दलितों की मौत पर चुप क्यों हैं? बता दें कि दलित बहुल करुणापुरम की इस घटना में 200 से अधिक लोग अब भी अस्पताल में हैं जिनका इलाज चल रहा है।
DMK सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपए के मुआवजे और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए की सहायता का ऐलान किया है। साथ ही रिटायर्ड न्यायाधीश B गोकुलदास के नेतृत्व में एक न्यायिक समिति बना कर 3 महीने में जाँच रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। वहीं अभिनेता कमल हासन ने अस्पताल पहुँच कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने इनके मनोवैज्ञानिक इलाज के लिए केंद्र बनाने की माँग की। उन्होंने कहा कि पीड़ित लापरवाह रहे, उन्हें शराब पीने के दौरान अपनी क्षमता का अंदाज़ा नहीं रहा।
The Hooch tragedy that has taken place in Karunapuram, a village mostly inhabited by SC people, of Tamil Nadu is extremely upsetting.
— BJP (@BJP4India) June 23, 2024
Over 56 people have died and several are in critical condition… Why are the leaders of the Congress party and their INDI Alliance silent on this… pic.twitter.com/jf52ClB7c0
उधर DMK ने दावा किया है कि जिस शराब को पीकर मौतें हुई हैं उन्हें बनाने के लिए भाजपा शासित पुडुचेरी से मेथनॉल आया था। DMK के संगठन सेक्रेटरी RS भारती ने इसे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई की साजिश करार दिया। उन्होंने इसे विकरावंडी उपचुनाव के लिए भाजपा की सोची-समझी साजिश करार देते हुए कहा कि पुडुचेरी के CM को इस्तीफा देना चाहिए। अन्नामलाई ने सीएम स्टालिन से इस्तीफा माँगा था, जिस पर डीएमके ने पूछा है कि क्या कंचनजंगा रेल हादसे के बाद मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस्तीफा दिया?