Saturday, September 28, 2024
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तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से 30+ की मौत, 100+ अस्पताल में भर्ती: पिछले साल भी मरे थे 22, लोगों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप

गुरुवार (20 जून, 2024) तक इस त्रासदी में 38 लोगों की मौत की सूचना है जबकि 80 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। बताया गया कि मरने वालों में कुछ महिलाएँ भी शामिल हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस कच्ची शराब में मेथनॉल मिला हुआ था, जिसके कारण मौतें हुई हैं।

तमिलनाडु के कल्लाकुरुची जिले में जहरीली शराब पीने के कारण 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। जहरीली शराब पीने वाले कई लोग अभी भी अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। राज्य में जहरीली शराब से मौतों के बाद अब एमके स्टालिन की अगुवाई वाली DMK सरकार की किरकिरी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस शराब के इस धंधे के बारे में जानती थीं लेकिन वह अनजान बनी रही और यह घटना हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चेन्नई से 240 किलोमीटर दूर राज्य के बीचोंबीच स्थित कल्लाकुरुची शहर में यह घटना हुई। यहाँ बुधवार (19 जून, 2024) को जहरीली शराब पीने के बाद लोग बीमार पड़ना चालू हुए। बताया गया कि इस जहरीली शराब का सेवन करने वाले अधिकांश लोग मजदूर थे और उन्होंने करुनापुरम इलाके से यह कच्ची शराब खरीदी थी। इन्होने यह शराब मंगलवार (18 जून, 2024) को पी थी। इसके बाद इन्हें सांस लेने में तकलीफ, दिखाई ना देना और डायरिया जैसी समस्याएँ होने लगीं।

इसके बाद मौतों का आँकड़ा लगातार बढ़ता गया। गुरुवार (20 जून, 2024) तक इस त्रासदी में 38 लोगों की मौत की सूचना है जबकि 100 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। बताया गया कि मरने वालों में कुछ महिलाएँ भी शामिल हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस कच्ची शराब में मेथनॉल मिला हुआ था, जिसके कारण मौतें हुई हैं। राज्य में जहरीली शराब से हुई इस घटना के बाद DMK सरकार लीपापोती में जुटी है। कल्लाकुरुची जिले के डीएम का तबादला कर दिया है जबकि एसपी को निलम्बित कर दिया गया है।

घटना में मरने वालों के लिए राज्य सरकार ने ₹10 लाख का मुआवजा घोषित किया है। मामले की जाँच CB-CID को सौंपी गई है। कुछ लोगों को शुरूआती जाँच के बाद गिरफ्तार भी किया गया है। जहरीली शराब से मौत के मामले में पुलिस की लापरवाही की बात भी सामने आ रही है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस को कल्लाकुरुची में कच्ची शराब की बिक्री की जानकारी थी लेकिन वह मूकदर्शक बनी रही और घटना हो गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए।

तमिलनाडु में हुई इस घटना के बाद राज्य सरकार के कच्ची शराब पर रोक के दावे भी फेल हो गए हैं। जहाँ एक ओर तमिलनाडु की DMK सरकार विकास और कानून व्यवस्था के दावे करती आई वहीं 2023 के बाद फिर से यह बड़ी घटना हो गई है। तमिलनाडु में मई, 2023 में भी जहरीली शराब पीने के कारण तमिलनाडु के चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम जिले में 22 लोगो की मौत हो गई थी। बताया गया था कि उन लोगों ने शराब की जगह मेथनॉल पी लिया था जो कि जहरीला होता है।

2023 की इस घटना के बाद भी सरकार की हीलाहवाली के चलते यह बड़ी घटना फिर से घटित हो गई। अब राज्य का विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। AIADMK के मुखिया E पलानीसामी ने कहा है कि उनके विधायक इस बात को लेकर चेता रहे थे लेकिन राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं भाजपा ने इस मामले में केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि शराब से हुई मौतों की जाँच CBI को सौंपी जाए। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष भी कल्लाकुरुची पहुँचे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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