तमिलनाडु पुलिस ने शनिवार (2 नवंबर 2024) को 45 साल के हसन बधुशा को गिरफ्तार किया। उस पर एक हिंदू माँ-बेटी पर इस्लाम कबूलने के लिए दबाव डालने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप है। हसन प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का सदस्य रह चुका है। उसकी साजिशों के कारण पीड़ित महिला का अपने पति के साथ भी मतभेद हो गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना कोयंबटूर के थुडियालुर पुलिस स्टेशन क्षेत्र की है। इरोड जिले के कोल्लमपलायम निवासी 42 साल के डी सत्यमूर्ति ने 1 नवंबर को शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि उनकी पत्नी एम आरती एक आईटी कम्पनी में जॉब करती है। हसन उनकी पत्नी का बचपन से ही दोस्त है। दोस्ती के बहाने वह अक्सर आरती से मिलने आया करता था। हसन थुडियालुर में एक स्टोर का मालिक है। उसने अपना स्टोर चलाने के लिए आरती से 2 लाख रुपए कर्ज लिया था।
इस कर्ज को चुकाने के बदले हसन ने आरती से निकाह करने का वादा किया। सत्यमूर्ति का आरोप है कि हसन ने उनके दाम्पत्य जीवन के बीच दरार डालने की काफी कोशिश की। उसने आरती से हिन्दू धर्म के खिलाफ कई आपत्तिजनक बातें की। इस दौरान उसने हिन्दू धर्म को नीचा दिखा कर आरती के मन में उसकी आस्था के प्रति नफरत पैदा करने का प्रयास किया।
कुछ दिनों बाद हसन ने आरती और उसकी 14 वर्षीय बेटी को पढ़ने के लिए कुरान दिया। सत्यमूर्ति ने इसे उनकी बेटी और पत्नी को इस्लाम कबूल करवाने की हसन द्वारा रची गई साजिश करार दिया है। थोड़े समय बाद सत्यमूर्ति और आरती के रिश्तों में खटास पड़नी शुरू हो गई। 1 जून 2024 को सत्यमूर्ति अपने परिवार के साथ इरोड के कोल्लमपलायम में रहने लगे। इससे नाराज हो कर 8 जून को हसन बधुशा ने सत्यमूर्ति पर हमला भी किया।
आरोप है कि हसन ने आरती को अपने पति से तलाक लेने के लिए उकसाया। उसने खुद को आरती से निकाह करने को तैयार बताते हुए हिन्दू धर्म के बारे में कई गलत बातें की। पुलिस ने इस शिकायत का संज्ञान ले कर हसन बधुशा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। FIR धारा 294, 323, 153, 298, और 506 (2) के तहत दर्ज हुई है। आरोपित को हिरासत में ले कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
इस मामले के सामने आते ही SDPI ने हसन बधुशा से अपना पल्ला झाड़ लिया है। एक बयान में SDPI ने कहा है कि हसन अब उनसे जुड़ा नहीं है। बकौल SDPI हसन को लगभग 6 माह पहले ही SDPI के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया था।