Saturday, December 21, 2024
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122 को लील गया Tauktae तूफान, 2.6 लाख लोग राहत कैंपों में: डूबे जहाज से 188 को नौसेना ने बचाया

जहाँ तक P-305 बरज (माल लादने या लोगों को ले जाने वाली संकरी नाव) का सवाल है, भारतीय नौसेना को अब तक इस पर सवार लोगों की 49 लाशें मिल चुकी हैं और 26 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।

भारत के कई राज्यों में तौकते तूफ़ान ने खूब तबाही मचाई है। इस तूफ़ान से जहाँ अब तक 122 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इनमें से 37 तो बार्ज P-305 नामक जहाज पर थे, जो डूब गया। ये मुंबई के तट से 35 मील (56.32 किलोमीटर) की दूरी पर डूबा। आपदा प्रबंधन का कार्य देखने वाले गृह मंत्रालय के प्रकोष्ठ ने कहा कि 6 राज्यों से करीब 2.6 लाख लोगों को खतरे वाले तटीय इलाकों से सुरक्षित हटाया गया।

इनमें से 2.38 लाख लोग गुजरात के हैं, जबकि बाकी के 22 हज़ार लोग अन्य 5 राज्यों के हैं। इन सभी को राहत कैम्पों में रखा गया है। 47 मौतों के साथ तौकते तूफ़ान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर ही पड़ा है। समुद्र तौकते तूफ़ान सबसे पहले गिर सोमनाथ में ही पहुँचा। 77,000 बिजली के पोल ध्वस्त हो गए, वहीं 70,000 से अधिक पेड़ भी उखड़ गए। इससे कई इलाकों में बिजली ठप हो गई और सड़क जाम लग गया।

गुजरात आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि राज्य की 368 सरकारी इमारतों को इस तूफ़ान ने नुकसान पहुँचाया है। गुजरात में 1143 किलोमीटर सड़क मार्ग को भी इस तूफ़ान ने तबाह कर दिया। तौकते ने केरल में 356 किलोमीटर और कर्नाटक में 58 किलोमीटर सड़क मार्ग को भी तबाह किया। गुजरात में 130 कोविड-19 अस्पतालों को तौकते ने नुकसान पहुँचाया, जिनमें से 98 की मरम्मत कर के फिर से चालू कर दिया गया है।

जहाँ तक P-305 बरज (माल लादने या लोगों को ले जाने वाली संकरी नाव) का सवाल है, भारतीय नौसेना को अब तक इस पर सवार लोगों की 49 लाशें मिल चुकी हैं और 26 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। शुक्रवार (मई 21, 2021) को इस रेस्क्यू ऑपरेशन का 5वाँ दिन चल रहा है। सवाल उठ रहा है कि चेतावनी के बावजूद इसे सुरक्षित जगह पर क्यों नहीं पहुँचाया गया? जहाज के इंजीनियरों का आरोप है कि कैप्टेन पीठ दिखा कर भाग खड़ा हुआ था।

इस पर 263 लोग सवार थे, जिन्हें बचाने के लिए तूफ़ान के बीच भारतीय नौसेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जहाज की मालिकाना कंपनी पर भी तूफ़ान की चेतावनी क नज़रअंदाज़ करने के आरोप लग रहे हैं। ये हीरा ऑइल फ़ील्ड्स में खड़ा था। हवा की रफ़्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक पहुँचने के साथ ही जहाज किसी चीज से टकराया और इसमें छेद हो गया। सोमवार को शाम 5 बजे तक ये पूरा पानी में डूब चुका था।

इधर अभी तौकते का कहर ठीक से थमा भी नहीं है कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में ‘याश तूफ़ान’ ने दस्तक दे दी है। आने वाले बुधवार (मई 26, 2021) को ये तूफ़ान समुद्र से जमीन पर टकराएगा। उत्तरी अंडमान समुद्र और बंगाल की खाड़ी के मध्य में एक दबाव वाला क्षेत्र न रहा है। ये तूफान उत्तर-पश्चिम की तरफ बढ़ना शुरू होगा। ओडिशा की सरकार और अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय बैठक में इससे निपटने की तैयारियों पर चर्चा हुई।

बता दें कि नुकसान का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (मई 19, 2021) को गुजरात, दमन और दीव के दौरे पर पहुँचे थे। पीएम मोदी सबसे पहले भावनगर पहुँचे, जहाँ उन्होंने चक्रवाती तूफान Tauktae से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। पीएम मोदी ने गुजरात में राहत कार्यों के लिए एक हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की। पीएमओ बताया कि गुजरात में नुकसान के आकलन के लिए केंद्र सरकार एक अंतर-मत्रीय दल को यहां तैनात करेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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