चूल्हे और समान लूट कर दंगाइयों ने चाय की दुकान फूँक डाली: न्याय के लिए दर-दर भटक रहे सूरज

सूरज का 50000 रुपए का नुक्सान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा?

ताहिर हुसैन के गुंडों ने दिल्ली के हिन्दू-विरोधी दंगों के दौरान न केवल कई लोगों की हत्या कर दी और कइयों को घायल किया बल्कि कई हिन्दुओं की दुकानों और घरों को भी नुक़सान पहुँचाया। ताहिर हुसैन के गुंडों ने स्थानीय दुर्गा फ़कीरी मंदिर में भी तोड़फोड़ मचाई। सबसे ज्यादा नुकसान उन ग़रीबों का हुआ, जो छोटे-छोटे व्यवसाय करके अपना गुजारा चलाते हैं। उन दुकानों में से एक ‘जतिन टी स्टॉल’ भी है, जिसमें भारी तबाही मचाई गई। दूकान के काउंटर को भी तोड़-फोड़ कर नष्ट कर दिया गया।

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ये दुकान आम आदमी पार्टी के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर से थोड़ा सामने आगे जाने पर ये चाय, बिस्कुट, पान-मसाला की दुकान आती है। यहाँ दुकान में एक भी सामान नहीं बचा है। सब कुछ लूट लिया गया और फिर जला कर ख़ाक कर दिया गया। गैस चूल्हा से लेकर बाकी सभी चीजें या तो लूट कर ले गए या फिर जला डाली गईं। दुकान के मालिक सूरज जी ने बताया कि उस दिन दंगाइयों ने ताहिर हुसैन की इमारत की तरफ़ से भारी पत्थरबाजी की थी।

सूरज अपना सामान छोड़ कर भाग खड़े हुए। उन्होंने बताया कि उन्हें 50 हज़ार रुपए से भी अधिक का नुकसान हुआ है। उनके दुकान से टेबल-कुर्सी, बिस्किट, बीड़ी-माचिस-गुटखा- एक-एक चीज वहाँ से लूट कर ले गए। इसके बाद दुकान को फूँक डाला गया। हालाँकि, सूरज दंगाइयों की पहचान के बारे में कुछ भी बोलने से मना करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें दंगाइयों की पहचान मालूम नहीं है।

वहाँ टी स्टॉल के बगल में स्थित रजाई-गद्दों की एक दुकान को भी जला डाला गया। वहाँ स्थित एक ग़रीब की ठेले को भी आग के हवाले कर दिया गया। सूरज जी अपनी चाय की दुकान जलाए जाने के बाद से लगातार भटक रहे हैं और उन्हें अब न्याय की उम्मीद है। उनका कोई ठिकाना नहीं है और घर चलाने के लिए जो एकमात्र व्यवसाय था, वो तबाह हो गया। दिल्ली दंगों में ऐसे कई पीड़ित हैं, जिनका सबकुछ लुट गया।

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रवि अग्रहरि: अपने बारे में का बताएँ गुरु, बस बनारसी हूँ, इसी में महादेव की कृपा है! बाकी राजनीति, कला, इतिहास, संस्कृति, फ़िल्म, मनोविज्ञान से लेकर ज्ञान-विज्ञान की किसी भी नामचीन परम्परा का विशेषज्ञ नहीं हूँ!