पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में डर और हिंसा का माहौल है। टीएमसी के ताकतवर नेता शाहजहाँ शेख और उसके गुंडों के अत्याचारों की नित नई कहानियाँ सामने आ रही हैं, जिन्होंने लोगों को हिलाकर रख दिया है। इस पूरे मामले में अब टीएमसी के गुंडे फिर से सक्रिय हो गए हैं और शेख शाहजहाँ और उसके गुर्गों के अत्याचारों को बयाँ करने वाली महिलाओं, पीड़ितों को पीट रहे हैं, धमका रहे हैं, ताकि शाहजहाँ शेख के खिलाफ कोई गवाही न दे और वो छूट जाए।
गुरुवार (16 मई 2024) को पश्चिम बंगाल बीजेपी ने एक नया वीडियो क्लिप जारी किया है, जिसमें संदेशखाली में पीड़ितों को चुप कराने की टीएमसी के गुंडों और कार्यकर्ताओं की जबरदस्ती के बारे में पीड़ित ने बताया है। बीजेपी ने दावा किया है कि वीडियो में दिख रही महिला का नाम अन्वेषा मंडल है, जो संदेशखाली में हिंदू महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ बोलने वालों में सबसे आगे रही हैं। 1.01 मिनट के वीडियो में अन्वेषा मंडल ने बताया है कि कैसे टीएमसी के गुंडों ने उनका अपहरण किया और उन्हें जान से मारने की कोशिश की।
वीडियो में अन्वेषा मंडल ने कहा, “टीएमसी के धमकी दी है कि अगर वो संदेशखाली के अपराधियों को बचाने के लिए उनके पक्ष में गवाही नहीं देंगी, तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा।” अन्वेषा मंडल ने कहा कि उन पर प्रेशर डाला जा रहा है कि उन्हें कोर्ट में टीएमसी के नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों के खिलाफ बयान देना है। उन्हें कोर्ट में बताना है कि टीएमसी के नेताओं शेख शाहजहाँ और उसके आदमियों खासकर दिलीप मलिक पर लगे आरोप झूठ हैं। ऐसा करने से मना करने पर उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई।
अन्वेषा मंडल ने कहा, “मैंने अपने नाम की आवाज सुनी और ये देखने के लिए बाहर आई कि मुझे कौन बला रहा है। तभी टीएमसी के गुंडों ने हमला कर दिया और मेरा मुँह बाँध दिया और मुझे अपने साथ ले गए।” मंडल ने बताया कि टीएमसी के बदमाशों ने उनका हाथ-पैर बाँध दिया और तालाब में फेंक दिया। टीएमसी के गुंडों ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई, तो वो उन्हें जान से मार देंगे। वो वहीं पर पड़ी रही। जब गुंडे उन्हें ले जा रहे थे, तभी उनकी बेटी चिल्लाने लगी। इसके बाद पड़ोसियों ने उन्हें ढूँढना शुरू किया, लेकिन टीएमसी के गुंडों ने उन्हें तालाब में फेंक दिया और फरार हो गए।
पश्चिम बंगाल बीजेपी ने इस क्लिप को शेयर करते हुए लिखा, “संदेशखाली में टीएमसी के अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने वाली अन्वेषा मंडल अपहरण की कोशिश से बाल-बाल बच गई। प्रियंका टिबरेवाल की संदेशखाली यात्रा से टीएमसी के लोग बौखला गए हैं, जिसके बाद टीएमसी एक्सपोज हो गई। दिलीप मलिक के नेतृत्व में टीएमसी के गुंडों ने अन्वेषा को मार कर उनकी आवाज को दबा देने की कोशिश की। टीएमसी के गुंडों की इस जबरदस्ती की नीति से पता चलता है कि टीएमसी की सरकार लोगों का उत्पीड़न कर रही है। संदेशखाली न्याय की माँग कर रहा है। टीएमसी के आतंक का राज खत्म होना चाहिए।”
Sandeshkhali bleeds as TMC's iron fist tightens! Anwesha Mondal, a fearless voice against sexual violence, narrowly escapes a gruesome abduction.
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) May 16, 2024
Priyanka Tibrewal's visit ignites TMC's wrath, exposing their vicious grip on power.
Led by Dilip Malik, TMC thugs tried to… pic.twitter.com/h08Topt3cN
इसी क्लिप को बीजेपी नेता और वकील प्रियंका टिबरेवाल ने भी शेयर किया। उन्होंने संदेशखाली में पीड़ितों से मुलाकात की थी। उन्होंने लिखा, “आज (15 मई 2024) मैं संदेशखाली गई थी, जहाँ टीएमसी के गुंडे लोगों को धमका रहे हैं कि वो शेख शाहजहाँ को निर्दोष साबित करें। इसमें से एक महिला अन्वेषा मंडल भी थी, जिन्होंने मुझे दिलीप मलिक के अत्याचारों के बारे में बताया, जिसके कुछ दिन पहले एक महिला को अगवा कर लिया था। उनकी शिकायत के बाद आज शाम (15 मई 2024) को टीएमसी के गुंडों ने उन्हें अगवा कर लिया और उनके हाथ-पाँव बाँधकर तालाब के किनारे फेंक दिया, ताकि उनकी जान चली जाए। हमने उन्हें पुलिस स्टेशन तक पहुँचाया।”
Today I visited Sandeshkhali, where TMC goons, are threatening the people to prove Sk. Shahjahan is innocent. One woman named Anwesha Mondal, told me about the atrocities of Dilip Mallickw who few days ago abducted a woman,
— Priyanka Tibrewal (मोदी का परिवार) (@impriyankabjp) May 15, 2024
Following this complaint, today evening, TMC goons… pic.twitter.com/5I69yekMku
बता दें कि बीजेपी नेता और वकील प्रियंका टिबरेवाल ने 15 मई 2024 को संदेशखाली का दौरा किया था। अन्वेषा मलिक ने टीएमसी नेता दिलीप मलिक द्वारा हिंदू महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बारे में पूरी जानकारी दी थी। बीजेपी नेता प्रियंका उनके साथ शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन भी गई थी। इसी शिकायत के बाद टीएमसे गुंडों ने उन्हें उनके घर से अगवा कर लिया और दिलीप मलिक के साथ ही अत्याचारी टीएमसी नेताओं के पक्ष में गवाही देने के लिए धमकाया।
बता दें कि संदेशखाली विवाद पिछले कुछ महीनों के दौरान एक राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का रूप ले चुका है। एक तरफ बीजेपी ने पीड़ितों के कई पक्ष में सबूत सामने आए हैं, तो दूसरी तरफ टीएमसी लगातार संदेशखाली के पीड़ितों को गलत ठहराने की कोशिश कर रही है। टीएमसी दावा कर रही है कि संदेशखाली मामले को बीजेपी ने सिर्फ पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए उठाया है और वो लोकसभा चुनाव में इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।