Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाज'JNU में शिवाजी-शिवाजी नहीं चलेगा': छत्रपति की तस्वीर फेंकी, ABVP ने SFI के हमलावरों...

‘JNU में शिवाजी-शिवाजी नहीं चलेगा’: छत्रपति की तस्वीर फेंकी, ABVP ने SFI के हमलावरों को बताया देशद्रोही

JNU में ABVP के महामंत्री उमेश चंद्र ने हमले का आरोप SFI पर लगाया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर और फूल-माला फेंक दी।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में छत्रपति शिवाजी की जयंती पर रविवार (19 फरवरी 2023) को वामपंथी छात्रों का उत्पात सामने आया है। ABVP ने छत्रपति की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया था। आरोप है कि एसएफआई के छात्रों ने छात्रपति की शिवाजी की तस्वीर फेंक दी। अभाविप ने कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर की है जिसमें छात्रपति की तस्वीरें और फूल माला जमीन पर फेंके दिख रहे हैं। इस घटना में अभाविप से जुड़े करीब आधा दर्जन छात्र घायल भी हुए हैं। संगठन ने घटना की निंदा करते हुए आरोपितों पर कठोर कार्रवाई की माँग की है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर बताया है कि छात्र संघ के कार्यालय टेफलाज में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें वामपंथियों ने उपद्रव मचाते हुए तस्वीर फेंक दी। ABVP ने हमलावरों को देशद्रोही बताया है। एनबीटी ने एबीवीपी के हवाले से बताया है कि विरोधी छात्रों का कहना था कि ‘जेएनयू में शिवाजी-शिवाजी नहीं चलेगा’। एबीवीपी ने इन पर शिवाजी महाराज के साथ साथ फुले और महाराणा प्रताप के चित्रों का अपमान करने का भी आरोप लगाया है।

JNU में ABVP के महामंत्री उमेश चंद्र ने हमले का आरोप SFI (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया) पर लगाया है। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की तस्वीर और फूल-माला फेंक दी। ABVP के जेएनयू के सोशल मीडिया कन्वेनर कुमार आशुतोष के मुताबिक वामपंथियों के हमले में विद्यार्थी परिषद के 5-6 छात्र घायल हुए हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस से आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। ABVP ने यह भी माँग की है कि JNU के छात्रसंघ भवन का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा जाए।

इस घटना पर कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा NSUI का भी बयान सामने आया है। NSUI के JNU महासचिव के अनुसार ABVP ने छात्रसंघ भवन में जो कार्यक्रम किया था, उसके लिए अनुमति की जरूरत होती है। NSUI के मुताबिक बिना परमिशन के हुए कार्यक्रम की ही वजह से इस मामले में विवाद हुआ, क्योंकि छात्रों के एक अन्य समूह ने इसका विरोध किया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -