Saturday, December 21, 2024
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श्रद्धालुओं के साथ किया खिलवाड़, दोषियों को फाँसी दो: तिरुपति प्रसाद मामले पर भड़के बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री, सनातनियों को एकजुट होने को कहा

शास्त्री ने कहा, "हमें अपनी आस्था की रक्षा के लिए अब एकजुट होकर खड़ा होना पड़ेगा। यह कोई साधारण घटना नहीं है, यह हमारे धर्म के खिलाफ एक संगठित साजिश है।"

तिरुपति मंदिर के पवित्र प्रसाद, लड्डू, में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के विवाद ने पूरे देश में सनातनियों के बीच आक्रोश पैदा कर दिया है। यह मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है, और हिन्दू साधु-संत इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की माँग कर रहे हैं। इस कड़ी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का तीखा बयान सामने आया है। उन्होंने इसे सनातन धर्म के खिलाफ एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए दोषियों को फाँसी तक की सजा देने की माँग की है।

सनातन धर्म पर सुनियोजित साजिश का आरोप

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह घटना भारत के सनातनियों के धर्म को भ्रष्ट करने की एक साजिश है। उन्होंने कहा, “अगर तिरुपति मंदिर के प्रसाद में चर्बी और मछली के तेल का प्रयोग किया गया है, तो यह बहुत बड़ा अपराध है। यह सुनियोजित तरीके से सनातनियों की आस्था को चोट पहुँचाने की कोशिश है, जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कानून बनाने और दोषियों को फाँसी की सजा देने की माँग की है।

हिंदू मंदिरों को हिंदू बोर्ड के अधीन करने की माँग

धीरेंद्र शास्त्री ने तिरुपति विवाद के चलते एक और महत्वपूर्ण माँग उठाई कि हिंदू मंदिरों को सरकार से हटाकर हिंदू बोर्ड के अधीन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, “सनातनी मंदिरों की सुरक्षा और उनकी पवित्रता बनाए रखने के लिए अब जरूरी है कि सभी मंदिरों का प्रबंधन हिंदू बोर्ड के अंतर्गत हो।” उनका मानना है कि इस कदम से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी, जो सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र रचने की कोशिश कर रही हैं।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “भारत के सनातनियों के धर्म को भ्रष्ट करने की पूरी तैयारी की गई है, और यह साजिश सिर्फ प्रसाद तक ही सीमित नहीं है। यह हमारी संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक स्थलों पर सीधा हमला है। अगर हम अब भी नहीं जागे, तो यह आस्था पर एक गहरा आघात होगा।”

दोषियों को कड़ी सजा की माँग

बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र शास्त्री ने जोर देकर कहा कि दोषियों को फाँसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर भगवान के प्रसाद में चर्बी और मछली के तेल का प्रयोग किया गया है, तो यह न केवल धर्म के खिलाफ है, बल्कि यह मानवता के खिलाफ भी है। यह उन सभी श्रद्धालुओं के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है, जो भगवान की भक्ति और विश्वास के साथ प्रसाद ग्रहण करते हैं। ऐसे अपराधियों को समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए और उन्हें फाँसी की सजा मिलनी चाहिए।”

सनातनियों से एकजुट होने की अपील

धीरेंद्र शास्त्री ने सभी सनातनियों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की है। शास्त्री ने कहा, “हमें अपनी आस्था की रक्षा के लिए अब एकजुट होकर खड़ा होना पड़ेगा। यह कोई साधारण घटना नहीं है, यह हमारे धर्म के खिलाफ एक संगठित साजिश है।” उन्होंने कहा कि जितने भी तीर्थ स्थल हैं, उनकी बारीकी से जाँच होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न दोहराई जाएँ।

धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार, इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सभी हिंदू धर्मावलंबियों को संगठित होकर एक ठोस कदम उठाना होगा। उन्होंने कहा “हम किसी भी सूरत में सनातन धर्म पर चोट सहन नहीं करेंगे। सनातन धर्म ने कभी किसी के साथ अन्याय नहीं किया और न ही वह अन्याय को सहन करता है। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी आस्था की रक्षा के लिए दृढ़ कदम उठाएँ।”

राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था। इस रिपोर्ट के बाद से ही पूरे देश में सनातनी समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हालाँकि अब प्रसाद फिर से शुद्ध रूप से बनने लगा है। शास्त्री ने इस मामले की गहन जाँच की माँग की है और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर से हिंदू मंदिरों की पवित्रता और उनकी देखभाल के मुद्दे को चर्चा में ला दिया है। अब देखना यह है कि आंध्र प्रदेश सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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