Saturday, October 12, 2024
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तिरुपति प्रसाद की पवित्रता हुई बहाल, TTD ने बयान जारी कर दिया आश्वासन: ‘जानवर की चर्बी’ वाले विवाद पर Amul ने कहा- हमने कभी नहीं की वहाँ घी सप्लाई

अमूल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से स्पष्ट किया कि उसने कभी तिरुमाला मंदिर के लिए घी सप्लाई नहीं किया है। अमूल के इस बयान ने उन अफवाहों पर विराम लगा दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि अमूल का घी प्रसादम की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है।

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसादम की शुद्धता बहाल होने की पुष्टि की गई है। टीटीडी ने इस विवाद के बाद स्पष्ट किया कि अब लड्डू प्रसादम का घी बिना किसी गड़बड़ी के है और उसकी शुद्धता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान तब आया, जब तिरुमाला मंदिर के लड्डू प्रसादम के घी की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे।

शुद्धता पर टीटीडी का बयान

टीटीडी ने कहा है कि प्रसादम की शुद्धता को फिर से स्थापित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि घी आपूर्ति और उसके इस्तेमाल में पूरी सावधानी बरती जाती है, ताकि प्रसाद की पवित्रता और भक्तों की आस्था बनी रहे। बता दें कि पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाया जा रहा था कि लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता घट गई है। घी अशुद्ध था और उसमें जानवरों की चर्बियाँ पाई गई थी।

अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने कहा है कि अब प्रसाद पूरी तरह से पवित्र और बेदाग है। तिरुमाला की पहाड़ियों पर स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (टीटीडी) करता है। शुक्रवार (20 सितंबर 2024) रात को सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट में टीटीडी ने लिखा कि ‘श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब बेदाग है। टीटीडी सभी श्रद्धालुओं की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

घी आपूर्तिकर्ताओं पर विशेष ध्यान

टीटीडी ने यह भी कहा कि प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक कठोर जाँच प्रक्रिया का पालन किया जाता है। इसमें शामिल आपूर्तिकर्ताओं की छानबीन की जाती है और घी की हर खेप का परीक्षण किया जाता है। टीटीडी ने यह भी कहा कि भक्तों की आस्था और प्रसादम की शुद्धता बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है।

प्रसादम की शुद्धता पर टीटीडी के इस आश्वासन के बाद भक्तों में राहत महसूस हुई है। सोशल मीडिया पर भी टीटीडी के प्रयासों की सराहना की जा रही है। कई भक्तों ने कहा कि लड्डू प्रसादम के साथ उनकी आस्था जुड़ी हुई है और टीटीडी द्वारा उठाए गए कदमों ने उनकी आस्था को और मजबूत किया है। अमूल के बयान के बाद भक्तों में फैली गलतफहमी भी दूर हो गई है।

विवाद और अफवाहों के बीच अमूल की सफाई

विवाद के बीच, एक और बड़ा नाम उभरा—अमूल। सोशल मीडिया पर अफवाहों के चलते दावा किया गया कि तिरुमाला मंदिर के लिए घी की आपूर्ति अमूल द्वारा की जाती है। हालाँकि, अमूल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से स्पष्ट किया कि उसने कभी तिरुमाला मंदिर के लिए घी सप्लाई नहीं किया है। अमूल के इस बयान ने उन अफवाहों पर विराम लगा दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि अमूल का घी प्रसादम की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है। अमूल ने यह साफ किया कि उनका घी प्रसादम में शामिल नहीं है, और इससे जुड़ी सभी बातें झूठी हैं।

लड्डू प्रसादम की महत्ता

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और महत्ता हर भक्त के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रसादम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आर्थिक महत्त्व भी है। टीटीडी द्वारा प्रति वर्ष लाखों लड्डू तैयार किए जाते हैं, जिन्हें भक्तगण अपने साथ घर ले जाते हैं। इस लड्डू की शुद्धता पर उठे सवाल ने मंदिर प्रशासन और भक्तों के बीच हलचल मचा दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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