आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में अब गैर-हिन्दू काम नहीं कर सकेंगे। उन्हें या तो स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति होगी या फिर उनको आंध्र प्रदेश के किसी दूसरे विभाग में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। यह फैसला हाल के दिनों में तिरुपति प्रसाद में ‘पशु चर्बी’ की मिलावट वाले विवाद के बाद हुआ है। यह फैसला मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (TTD) ने लिया है।
सोमवार (18 नवंबर, 2024) को TTD के नए चेयरमैन बी आर नायडू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में गैर हिन्दुओं को तिरुपति की सेवा में लगाने के अलावा भी कई फैसले हुए हैं। यह बैठक तिरुपति के अन्नामैया भवन में हुई। इसमें TTD के चेयरमैन बी आर नायडू के अलावा बाकी सदस्य भी शामिल हुए।
TTD ने फैसला लिया है कि उसके लिए काम करने वाले गैर हिन्दू कर्मचारियों को आंध्र प्रदेश सरकार के किसी अन्य विभाग में भेजा जाएगा या फिर उन्हें सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। TTD ने कहा कि वह आगामी दिनों में गैर-हिन्दू कर्मचारियों की संख्या को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद वह एक्शन लेगी।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में TTD के लिए काम करने वालों की सलग संख्या बताई गई है। हिंदुस्तान टाइम्स में एक हवाले से इनकी संख्या 44 जबकि टाइम्स ऑफ़ इंडिया में इनकी संख्या 300 से अधिक बताई गई है। हालाँकि, TTD की कर्मचारी यूनियनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और कहा है कि यह कानूनन सही है।
TTD ने यह भी फैसला लिया है कि वह मंदिर में दर्शन के बाद नेताओं के राजनीतिक बयान देने पर भी रोक लगाएगा। TTD ने कहा है कि दर्शन के बाद राजनीतिक बयानबाजी करने वाले नेताओं पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। TTD ने यह भी कहा है कि इसका उल्लंघन करने वालों पर विधिक कार्रवाई की जाएगी चाहे वह किसी भी पार्टी का सदस्य हो।
बोर्ड बैठक में इसके अलावा कई प्रशासनिक निर्णय भी लिए गए हैं। इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि बोर्ड का पैसा अब निजी बैंकों में नहीं रखा जाएगा। TTD अब पैसा रखने के लिए सरकारी बैंकों में खाते खुलवाएगा। बोर्ड दर्शन का समय कम करने के लिए भी काम करेगा।
TTD ने कुछ दिनों पहले लड्डू प्रसादम में उपयोग किए जाने वाले घी पर हुए विवाद के बाद शुद्धता को लेकर भी फैसले लिए हैं। TTD ने कहा है कि अच्छी गुणवत्ता का घी लेने के लिए वह फिर से टेंडर जारी करेंगे। गौरतलब है कि हालिया रिपोर्ट्स में लड्डू में चर्बी की बात सामने आई थी।