तिरुपति मंदिर के प्रसादम लड्डू में पशु चर्बी वाले घी और मछली तेल की मौजूदगी की रिपोर्ट के बाद शुद्धिकरण हवन किया गया है। मंदिर के पुजारियों और धर्मगुरुओं ने यहाँ मंदिर के साथ ही उस जगह को भी शुद्ध किया जहाँ लड्डू बनते हैं। वहीं इस मामले में अब तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के पूर्व मुखिया सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं। उन्होंने लड्डू में मिलावट के आरोपों को खारिज किया है। इसी मामले को लेकर पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं।
मंदिर अब शुद्ध, श्रद्धालु रहें निश्चिंत
सोमवार (23 सितम्बर, 2024) को सुबह 6 बजे से तिरुपति मंदिर में यह शुद्धिकरण शांति हवन चालू हुआ। इस हवन में मंदिर के प्रमुख पुजारी, यहाँ के धर्मगुरु और साथ ही TTD के अधिकारी भी शामिल हुए। पुजारियों ने कहा है कि उनकी यह पूजा लड्डुओं में हुई गड़बड़ी से आए बुरे प्रभाव को खत्म करेगी और साथ ही श्रद्धालुओं का कल्याण करेगी।
मंदिर के पुजारियों ने कहा है कि अभी मंदिर में सब कुछ पूरी तरीके से शुद्ध किया जा चुका है और अब चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने श्रद्धालुओं से मंदिर आकर दर्शन करने और लड्डू ग्रहण करने की बात कही है। TTD के अधिकारी श्यामला राव ने बताया कि यह पूजा सुबह 6 बजे से चालू हुई थी और 10 बजे तक चली।
శాంతి హోమం ముగిసింది
— Tirumala Tirupati Devasthanams (@TTDevasthanams) September 23, 2024
దోషాల నివారణ కోసం, భక్తుల శ్రేయస్సు కోసం నిర్వహించిన యాగం – టీటీడీ ఈవో
భక్తులు సాయంత్రం క్షమా మంత్రం పఠించాలి – అర్చకులు
Purificatory Shanti Homam Concludes
Ritual Held to Ward Off Doshas and for the Benefit of Devotees – TTD EO pic.twitter.com/EwEL9VTXfH
श्यामला राव ने बताया कि शांति हवन और शुद्धिकरण का मुख्य फोकस मंदिर की रसोई में था जहाँ लड्डू तैयार किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ भी धर्मगुरुओं ने शुद्धिकरण किया है। उन्होंने यह भी बताया कि अब मंदिर में गाय का घी लिए जाने का सिस्टम भी बदल दिया गया है, इससे लड्डुओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
#WATCH | Andhra Pradesh: TTD (Tirumala Tirupati Devasthanams) organised a Maha Shanti Homam in the wake of Laddu Prasadam row.
— ANI (@ANI) September 23, 2024
Executive officer of Tirumala Tirupathi Devastanam (TTD) Shamala Rao and other officials of the Board participated in the Homamam along with the… pic.twitter.com/Gkh7JFeljT
TTD ने मंदिर में हुई पूजा की तस्वीरें भी जारी की हैं। TTD के पुजारी इन तस्वीरों में मंदिर के अलग-अलग हिस्सों को शुद्ध करते दिखते हैं। इन तस्वीरों में पुजारी लड्डुओं और उनके बनाने वाले सामान पर भी शुद्धिकरण के लिए जल छिड़कते दिखे हैं।
इससे पहले TTD ने बताया था कि वह जल्द ही घी की टेस्टिंग के लिए स्वयं ही क्षमताएँ विकसित कर लेगी। इसके लिए उसे डेयरी विकास बोर्ड से मशीनें मिल रही हैं। इसके अलावा मंदिर में एक्सपर्ट की टीम भी बुलाई गई है, यह घी के उपयोग से पहले उसको परखेगी।
सुब्रमण्यम स्वामी पहुँचे सुप्रीम कोर्ट
तिरुपति लड्डू में चर्बी और मछली तेल के मामले के सामने के बाद सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएँ भी लग चुकी हैं। भाजपा नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर याचिका लगाई है। स्वामी ने माँग की है कि घी में मिलावट सम्बन्धी दावों की जाँच के लिए कमिटी का गठन किया जाए।
उन्होंने माँग की है कि इस कमिटी की निगरानी सुप्रीम कोर्ट स्वयं करे। सुब्रमण्यम स्वामी ने माँग की है कि मंदिर में घी कहाँ से आता है और किस्से आपूर्ति होती है, इस बात को लेकर आंध्र प्रदेश एक रिपोर्ट दाखिल करे। स्वामी ने माँग की है कि इसको लेकर आंध्र प्रदेश को निर्देश दिए जाएँ।
सुब्रमण्यम स्वामी से पहले हिन्दू सेना के कुलदीप सिंह यादव ने भी इस मामले में जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई है। उन्होंने कहा है कि प्रसाद में चर्बी की मिलावट से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का अपमान हुआ है। उन्होंने माँग की है कि इस मामले में एक SIT गठित की जाए जो पूरी जाँच करे। सुप्रीम कोर्ट में अभी इन याचिकाओं की सुनवाई होनी बाकी है।
पूर्व चेयरमैन का दावा- नहीं हुई कोई गड़बड़ी
सुप्रीम कोर्ट में TTD के पूर्व चेयरमैन और YSRCP के पूर्व सांसद YV सुब्बा रेड्डी ने भी एक जनहित याचिका लगाई है। वह जगन मोहन रेड्डी की सरकार में TTD के मुखिया थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई जनहित याचिका में दावा किया है कि लड्डुओं को बनाने में गड़बड़ घी इस्तेमाल नहीं हुआ है।
रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में YSRCP सरकार के दौरान मंदिर की व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए उठाए गए क़दमों की बात भी की है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर आरोप लगाया है कि वह इस मामले में आरोप लगाकर करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को चोटिल कर रहे हैं।
उन्होंने याचिका में कहा, “आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की हैसियत से तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के पवित्र प्रसाद ‘लड्डू’ में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में बाहरी तत्व मिलाए जाने के आरोप लगाए गए हैं, जिससे लाखों हिंदू भक्तों और हिंदू समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। उनके कार्यों से मंदिर की पवित्रता, प्रतिष्ठा और आस्था को अपूर्णीय क्षति पहुँची है।”
रेड्डी ने दावा किया है कि लड्डू या अन्य किसी प्रसाद में गड़बड़ घी हो ही नहीं सकता क्योंकि जैसे ही घी से भरा ट्रक मंदिर पहुँचता है तो TTD का एक अधिकारी उसकी जाँच करता है। रेड्डी ने कहा कि ऐसे में यह दावा करना गलत है कि यहाँ प्रसाद में गड़बड़ घी का इस्तेमाल हुआ होगा।
रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से माँग की है कि वह इस मामले में स्वतंत्र जाँच का आदेश दे। उन्होंने माँग की है कि इस जाँच की निगरानी या तो कोर्ट स्वयं करे या फिर किसी रिटायर्ड जज के नेतृत्व में इस मामले के विशेषज्ञों की टीम इसकी जाँच करे। रेड्डी ने यह भी माँग की है कि बोर्ड घी के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करे।
गौरतलब है कि हाल ही में तिरुपति मंदिर के प्रसाद के रूप में बाँटे जाने वाले लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल के उपयोग की बात कही गई थी। एक लैब से जाँच में इसकी पुष्टि भी हुई थी। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने बताया कि यह कारनामा पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी सरकार में हुआ।