Sunday, November 17, 2024
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घुटने तोड़कर मलद्वार में डाली लाठियाँ, जननांग क्षतिग्रस्त: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पुलिस की यातनाओं से पिता-पुत्र की मौत

इस वीडियो में बताया गया है कि पहले पुलिस द्वारा दोनों के घुटनों को लाठियों से तोड़ा गया। उन्हें पूरी तरह नग्न कर के दीवारों पर रगड़ा गया। उन्हें यातना देने के लिए ऐसी जगह पर ले जाया गया जहाँ CCTV कैमरा नहीं लगे थे। यहाँ उन्हें लाठियों और डंडों से बुरी तरह मारा गया। और लाठियाँ उनके मलद्वार में डाली गईं। परिजनों ने कहा कि........

तूतीकोरिन में पुलिस हिरासत में एक पिता और बेटे की की मौत ने तमिलनाडु में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। पुलिस ने तूतीकोरिन में पी जयराज (59) और उनके बेटे जे बेनिक्स (Benicks)(फ़ेनिक्स- Fenix) (31) को निर्धारित समय के बाद भी मोबाइल की दुकान खोले रखने पर 19 जून को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उनकी हिरासत में ही मृत्यु हो गई। आरोप है कि उन्हें हिरासत में यातना दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई।

चेन्नई स्थित समाचार वेबसाइट ‘द फेडरल’ ने उन चश्मदीदों का जिक्र किया है, जिन्होंने यह दावा किया था कि दोनों जेल में रहते हुए यौन उत्पीड़न के शिकार हुए थे। मृतक जे फ़ेनिक्स के एक दोस्त राजकुमार ने कहा- “20 जून को सुबह 7 से 12 बजे के बीच, पिता और पुत्र ने कम से कम सात लुंगियाँ (शरीर के निचले भाग में पहना जाने वाला कपड़ा) बदली थीं, क्योंकि वे अपने मलाशय से खून बहने के कारण गीले हो गए थे।”

बेनिक्स के मित्र ने यह भी कहा कि उन्हें निर्देश दिया गया था कि वे दोनों को सतकुलम के सरकारी अस्पताल में ले जाने के लिए एक वाहन की व्यवस्था करें। फिर, पिता-पुत्र ने स्पष्ट रूप से अपने मलाशय में दर्द की शिकायत की थी। उन्हें काफी खून बह रहा था और उनकी लुंगी को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में बदलना पड़ा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरफ्तारी के चार दिन बाद दोनों पिता-पुत्र की अस्पताल में मौत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि तमिलनाडु पुलिस ने पिता और बेटे की हिरासत में खूब पिटाई की थी और पुलिस द्वारा की गई मारपीट और हिंसा के निशान मृतकों के शरीर पर थे। घर वालों की माँग है कि आरोपित पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

मृतक जे बेनिक्स (फ़ेनिक्स) के मित्र राजकुमार ने कहा कि पुलिस उसे जयराज समझकर 19 जून को स्टेशन पर ले गई। इसके बाद बेनिक्स ने स्टेशन पर जाकर पूछताछ की। राजकुमार के अनुसार, “जब उसने अपने पिता के खिलाफ पुलिस की बर्बरता पर सवाल उठाया, तो पुलिसकर्मियों ने उसे उसके कॉलर से पकड़ लिया और उसे दीवार की ओर धकेल दिया। सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबल सहित कम से कम पाँच पुलिसकर्मियों ने उसे हमारे सामने बुरी तरह से पीटा।”

सोशल मीडिया पर लोगों का दावा है कि पुलिसकर्मियों ने पिता और पुत्र के मलद्वार में लाठियाँ डालकर घुमाया और उन्हें यातनाएँ दीं। यह भी दावा किया जाता है कि पुलिस हिरासत में उनकी बेरहमी से पिटाई की गई जिससे पिता-पुत्र के जननांग भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।

इस वीडियो में बताया गया है कि पहले पुलिस द्वारा दोनों के घुटनों को लाठियों से तोड़ा गया। उन्हें पूरी तरह नग्न कर के दीवारों पर रगड़ा गया। उन्हें यातना देने के लिए ऐसी जगह पर ले जाया गया जहाँ CCTV कैमरा नहीं लगे थे। यहाँ उन्हें लाठियों और डंडों से बुरी तरह मारा गया। और लाठियाँ उनके मलद्वार में डाली गईं। परिजनों ने कहा कि उनके जननांगों पर बहुत ही बुरे घाव थे।

इस घटना के प्रकाश में आने के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। तूतीकोरिन के कलेक्टर संदीप नंदूरी ने कहा कि ऐसी शिकायतें थीं कि वे पुलिस की पिटाई से मारे गए थे। न्यायिक जाँच के आदेश दिए गए हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने आश्वासन दिया है कि जाँच के निष्कर्षों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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