लॉकडाउन में जब देश समस्याओं से जूझ रहा था उसी समय कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में झारखण्ड के दुमका की दो आदिवासी महिलाओं को बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। लॉकडाउन के दौरान घटी इस घटना के बाद दोनों आदिवासी श्रमिक महिलाएँ अपनी जान बचाने के लिए जंगल में छिपी हुई थीं। हेमंत सोरेन सरकार के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने दोनों को वहाँ से खोज निकाला। साथ ही FIR दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ, गैंगरेप का शिकार हुई आदिवासी महिलाओं को ‘भारत केमिकल प्रॉडक्ट्स’ जहाँ वो काम करती थीं वहाँ से उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया है।
गौरतलब है कि ये दोनों महिलाएँ झारखंड के दुमका की रहने वाली थीं और बेंगलुरु में रहकर एक केमिकल फैक्ट्री ‘भारत केमिकल प्रॉडक्ट्स’ में मजदूरी करती थीं। यह फैक्ट्री बेंगलुरू के केन्गेरी होबली (Kengeri Hobli) में थी। पुलिस के मुताबिक, दोनों श्रमिक महिलाओं को बंधक बनाकर रखा गया था, जहाँ लॉकडाउन के समय उनमें से एक के साथ गैंगरेप हुआ और उनकी बेरहमी से पिटाई भी की गई। इस मामले में पुलिस ने कुल 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। हालाँकि, अभी तक फ़ैक्ट्री मालिक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
क्या है पूरा मामला
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन से पहले दोनों महिला श्रमिकों को फैक्ट्री से निकाल दिया गया। दोनों महिलाओं के साथ 5 और 8 साल के उनके दो बच्चे भी थे। कहा जा रहा है कि फ़ैक्ट्री से निकाले जाने के बाद सभी को खाने-पीने की भयंकर समस्या आ गई। चूँकि, लॉकडाउन हो जाने के कारण दोनों महिलाएँ अपने घर दुमका भी नहीं आ सकती थीं। तब बेंगलुरु में एक ठेकेदार संजीव ने दोनों को मदद के नाम पर फैक्ट्री वापस लाकर एक निर्माणाधीन मकान में रख दिया था।
न्यूज़ मिनट के अनुसार, आरोप है कि यहाँ ठेकेदार संजीव ने उन दोनों महिलाओं को पीटा और उन्हें धमकी दी। उसके साथ काम करने वाले नूर इस्लाम अंसारी और सुरेश गौर ने मिलकर दुमका की उन आदिवासी महिलाओं में से एक का गैंगरेप किया।
कुछ सप्ताह बाद अली असगर (Ali Asghar) नाम के एक और ठेकेदार ने उन्हें भोजन और रहने की जगह देने के नाम पर उनमें से एक महिला श्रमिक के साथ रेप किया। पहचान के बाद उस पर भी FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। बेंगलुरु की कर्नाटक जनशक्ति और स्टेंडर्ड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (स्वान) संगठन की पहल पर यह मामला सामने आया था।
पुलिस ने पिछले दिनों दुमका की दो प्रवासी महिला मजदूरों को बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखने और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई ट्विटर पर मामला संज्ञान में आने के बाद झारखंड पुलिस के हस्तक्षेप के बाद हुआ। जिसके बाद बेंगलुरु के कुंबलगुडु (Kumbalagudu police station) पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर आरोपितों नूर इस्लाम अंसारी (Nur Islam Ansari) और सुरेश गौर (Suresh Gour) तथा एक और आरोपित अली असगर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
2019 में मानव तस्कर ले गए थे दिल्ली
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड जनाधिकार महासभा नामक संगठन ने ट्विटर पर सीएम हेमंत सोरेन को दुमका की दोनों आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे शोषण और गैंगरेप की जानकारी दी थी। गौरतलब है कि दुमका की दोनों महिला मजदूरों को मानव तस्कर अक्टूबर 2019 में दिल्ली ले गया था। वहाँ से कोई दूसरा तस्कर व्यक्ति दोनों को 9000 और 7000 रुपए प्रति माह पर नौकरी दिलाने के नाम पर बेंगलुरु में एक केमिकल फैक्ट्री में ले गया।
वहाँ बंधुआ मजदूर की तरह दोनों से काम लिया गया। केमिकल फैक्ट्री में उनसे 15 घंटे प्रतिदन काम कराया गया और लेकिन तय मजदूरी से बेहद कम मात्र 200 रुपए प्रति सप्ताह के दर से उन्हें मजदूरी दी गई। साथ ही तीन समय का भोजन भी दिया जाता रहा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान लेने पर हुई कार्रवाई
रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड जनाधिकार महासभा नामक संगठन ने टि्वटर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दुमका की दोनों आदिवासी महिलाओं के साथ हो रहे शोषण की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर झारखंड पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया था। उसके बाद बेंगलुरु के कुंबलगुडु पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज हुई और छानबीन के बाद इस मामले में तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
With our intervention, FIRs have been registered, three accused arrested and victim paid compensation of Rs.4.12 lakhs. Our officers are doing further needful things.
— Jharkhand Police (@JharkhandPolice) May 27, 2020
झारखंड पुलिस ने ट्विटर पर सीएम हेमंत सोरेन को यह जानकारी भी दी कि पीड़िता को 4.12 लाख रुपए का मुआवजा भी दिया गया है। दुमका डीसी राजेश्वरी बी ने भी पत्रकारों को बताया था कि उन्हें मामले की जानकारी ट्विटर से मिली थी। डीसी ने तीनों आरोपितों की गिरफ्तारी और पीड़िता को मुआवजा मिलने की भी पुष्टि की थी। उसी समय डीसी ने बेंगलुरु सिटी पुलिस से ट्विटर पर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हुए इसकी सूचना सीएमओ कनार्टक को भी दी थी।