Monday, November 18, 2024
Homeदेश-समाजयायावरों को पंख देकर वरदान साबित हुई है UDAN योजना

यायावरों को पंख देकर वरदान साबित हुई है UDAN योजना

एक तरफ जहाँ लोग पर्यटक स्थलों पर जाने के बारे में सिर्फ़ सोच कर रह जाते थे, वहीं अब उत्साह के साथ लोग अपनी इन धरोहरों को देखने पहुँच रहे हैं, जो वर्षों से नज़रअंदाज किए जा रहे थे।

घूमने का जब भी ज़िक्र होता है तो लोगों के ज़ेहन में सबसे पहले गिने-चुने नाम ही उभकर आते रहे हैं, शिमला, मनाली, गोवा, मसूरी या फिर बहुत सोचा तो लद्दाख! गलती उनकी नहीं है, हमारे आस-पास के समाज में शुरू से ही इन नामों को इतना ज्यादा बढ़ाकर और खूबसूरती के साथ पेश किया गया है कि कई लोगों का तो घूमने के नाम पर लक्ष्य ही सिर्फ़ यहीं तक पहुँचना मात्र है।

लेकिन सच्चाई तो यह है कि, कि भारत जैसे विविधता से भरे देश में जो लोग इन जगहों के स्थान पर अन्य पौराणिक महत्त्व के स्थानों पर जाने का हौसला करते भी हैं, वो साधन विहीन रह जाते हैं और इस कारण मात्र दो से तीन जगहों पर ही सिमट कर रह जाते हैं। पौराणिक उन्नत भारतीय परम्पराओं और सभ्यताओं के कारण हमारे देश में ऐसी तमाम अनोखी धरोहरें हैं, जो इन तय की गई जगहों से कहीं ज्यादा खूबसूरत भी हैं, और इतिहास के कई पन्नों को स्वयं में सहेजे हुए भी हैं।

वर्षों से इन सभी जगहों को उपेक्षा झेलनी पड़ी है और इन्हें नज़रअंदाज किया जाता रहा है। इन धरोहरों को पहचान दिलाने और पर्यटकों के साथ इन जगहों की दूरी समाप्त करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा ‘UDAN योजना’ की शुरूआत की गई थी।

इस योजना के तहत कई ऐसी जगहों पर होने वाली यातायात और आवागमन सम्बन्धी असुविधाओं पर ग़ौर किया गया और ‘UDAN’ की मदद से उस समस्या का निवारण भी किया गया। वर्ष 2017 में बीजेपी सरकार के नेतृत्व में नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ‘UDAN योजना’ ने भारत के लोगों को देश के सभी पर्यटक स्थलों पर पहुँचाने की दिशा में सराहनीय कदम उठाया है। पर्यटकों के लिए हवाई जहाज़ की सुविधा उपलब्ध करा कर लोगों से उन सभी पर्यटन स्थलों की दूरियों को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, जहाँ पर पर्यटक सिर्फ़ परिवहन की असुविधा और दूरी की वजह से नहीं पहुँच पाते थे। इस योजना के शुरू होने के 20 महीनों में ही लगभग 11 लाख यात्रियों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

उदाहरण के तौर पर, कर्नाटक में ‘हम्पी’ नामक जगह हमारी इन्हीं पौराणिक धरोहरों में से एक हैं। एक समय पर यातायात के साधनों की कमी के कारण यहाँ तक पहुँचना बेहद मुश्किल काम था, लेकिन अब सरकार ने इसका भी इंतजाम कर दिया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने हम्पी को अपनी ’52 Places to go in 2019′ की सूची में दूसरे नम्बर पर स्थान देते हुए कहा है कि UNESCO द्वारा घोषित इस विश्व विरासत तक पहुँचना आज के समय में भी बहुत मुश्किल है। लेकिन आपको बता दें कि हाल ही में ट्रूजेट एयरलाइन (TruJet Airline) ने हैदराबाद के साथ-साथ बैंगलुरू से बल्लारी तक UDAN योजना के तहत विमान सेवा का इंतज़ाम किया है, जिसके बाद हम्पी की दूरी अब मात्र 25 मील की रह गई है।

इसके साथ ही बल्लारी को विद्यानगर एयरपोर्ट से जोड़ दिया गया है, जो UDAN योजना के तहत अनुचित हवाई अड्डों में आता था।

ट्रूजेट एयरलाइन ने हैदराबाद से विद्यानगर के लिए विमान की सुविधा सितम्बर 21, 2017 को शुरू की थी, जबकि इस विमान सुविधा को बैंगलुरू से मार्च 01, 2018 को शुरू किया गया था। हम्पी से 40 किमी की दूरी पर बने विद्यानगर हवाई अड्डे से पहले हम्पी के नज़दीक पड़ने वाला एयरपोर्ट बेलगौम (Belgaum) था, जिसकी दूरी हम्पी से 270 किलोमीटर पर थी।

नागर विमानन महानिदेशक द्वारा बताए गए मार्च 2018 के आँकड़ों के अनुसार, बैंगलुरू-विद्यानगर के मार्ग पर विमान सुविधा चालू होने के बाद 2,820 यात्रियों ने उड़ान भरी, जबकि यदि ट्रूजेट एयरलाइन द्वारा शुरू की जाने वाली सुविधा से पहले के आँकड़ों पर बात करें, तो कुल 60 लोग ही इस रूट के लिए विमान में बैठकर उड़ान भरते थे। वर्ष 2018 में मार्च से नवम्बर माह तक 28,677 लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।

इसी तरह, हम्पी के अलावा पाक्योंग से अब पर्यटकों के लिए सीधे सिक्किम जाना आसान हो गया है। अक्टूबर 2018 में स्पाइस जेट ने पाक्योंग ने कोलकाता और गुवाहाटी को जोड़ दिया है। इससे पहले सिक्किम की राजधानी गंगटोक तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को बदगोरा उतरना पड़ता था, जिसके बाद उन्हें 5 से 6 घंटे सड़क के माध्यम से यात्रा करनी होती थी।

डीजीसीए के डाटा के अनुसार, कोलकाता-पाक्योंग-कोलकाता रूट 4 अक्टूबर 2018 को शुरू किया गया था, जिसका फायदा अक्टूबर से नवम्बर के मध्य 4,790 लोगों ने उठाया।

हम्पी और पाक्योंग की तरह ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला भी अन्य पर्यटक स्थलों की अपेक्षा अधिक दूरस्थ स्थानों पर है, लेकिन UDAN योजना की मदद से अब वहाँ पहुँचना भी आसान हो गया है। दिल्ली से शिमला की दूरी लगभग 360 किलोमीटर है। UDAN योजना की मदद से अप्रैल 17, 2017 से सितंबर 23, 2018 के बीच दिल्ली-शिमला मार्ग पर 14,041 लोगों ने यात्रा की है।

इसके अलावा कई पहाड़ी इलाके जैसे, उत्तराखंड राज्य में पंतनगर और पिथौरागढ़ भी इस योजना के द्वारा देहरादून से जोड़े गए हैं। उत्तराखंड सरकार के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में 2,43,688 पर्यटक पिथौरागढ़ जिले में आए, जबकि उधमसिंह नगर जिले में 1,40,794 पर्यटक दिखे। पिथौरागढ़ जिले को देहरादून से जनवरी 17, 2019 को हवाई सेवा द्वारा जोड़ा गया था, जबकि देहरादून-पंतनगर को जनवरी 04, 2019 को शुरू किया गया।

बता दें कि UDAN को व्यापकता के साथ दूर-दूर के क्षेत्रों पर पहुँचाने का यही मकसद है कि भारतीय पर्यटन स्थलों और पर्यटकों के बीच की दूरी को ख़त्म की जा सके। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय पर्यटन मंत्रायल के साथ मिलकर काम कर रहा है। उदाहरण के लिए खजुराहो भले ही एक विकसित हवाई अड्डा है, लेकिन वहाँ पर कभी विमानों को लगातार उड़ते नहीं देखा जाता है क्योंकि वहाँ पर्यटक सिर्फ एक विशेष समय पर ही आते हैं। उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, “हम ऐसी जगहों के लिए एक ऐसा बिज़नेस मॉडल तैयार कर रहें हैं, जिससे इन जगहों को साल के किसी भी समय घूमने के लायक जगह बनाया जा सके।”

इसके साथ ही आपको बता दें, UDAN योजना इन दिनों अपने आखिरी चरण पर काम कर रही है, जिसमें वो 60 पर्यटक मार्गों पर काम करेंगे। इसमें बीकानेर-जैसलमेर-जोधपुर-उदयपुर-अहमदामाद-भुज-पोरबंदर-राजकोट आदि शामिल हैं।

UDAN योजना द्वारा किया जा रहा कार्य वाकई बेहद सराहनीय है, एक तरफ जहाँ लोग पर्यटक स्थलों पर जाने के बारे में सिर्फ सोच कर रह जाते थे, वहीं अब उत्साह के साथ लोग अपनी इन धरोहरों को देखने पहुँच रहे हैं, जो वर्षों से नज़रअंदाज किए जा रहे थे। ‘UDAN’ की मदद से ही अब लोगों के पास गोवा, शिमला, मसूरी के अलावा भी विकल्प मौज़ूद हैं, जहाँ पर वो एक नए माहौल में साँस ले सकेंगे और नए अनुभवों को भी एकत्रित कर सकते हैं। घुमन्तु और यायावरों के लिए UDAN योजना वरदान साबित हो रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस जमीन पर दशकों से रह रहे, पास में है दस्तावेज भी… उन जमीनों पर भी वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा: केरल के वायनाड...

तलापुझा गाँव के लोगों भेजे गए नोटिस में वक्फ संपत्ति के अतिक्रमण का आरोप लगाया गया है। जैसे ही यह खबर फैली, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

1 किमी में 4 मस्जिद, प्रशासन ने भी माना नमाज के लिए एक और इमारत की जरूरत नहीं; लेकिन जस्टिस मोहम्मद नियास ने ‘सुन्नी...

केरल हाई कोर्ट ने कोझिकोड में सुन्नी सेंटर में नमाज आयोजित करने के लिए NOC ना दिए जाने के फैसले को रद्द कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -