शिवसेना-यूबीटी के चीफ उद्दव ठाकरे और उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत को मानहानि के मामले में कोर्ट की कार्रवाई को लेकर 2 हजार रुपए का जुर्माना भरना था, लेकिन वो भर नहीं पाए। जिसके बाद उन्होंने 2 दिन का और समय कोर्ट से माँगा है। उनकी तरफ से कहा गया है कि कोर्ट के अधिकारियों ने कैश एक्सेप्ट ही नहीं किया, इसलिए वो जुर्माने की राशि जमा नहीं कर पाए।
बता दें कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख प्रकाशित करने के लिए ठाकरे और राउत के खिलाफ उनके एक पूर्व सहयोगी, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता राहुल शेवाले ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था। शेवाले द्वारा दायर मानहानि की शिकायत की कार्यवाही मझगांव मजिस्ट्रेट अदालत में चल रही है। कार्यवाही के दौरान, मजिस्ट्रेट अदालत ने दोनों को मामले से बरी करने से इनकार कर दिया था और यह आदेश 26 अक्टूबर, 2023 को पारित किया गया था।
नियमों के अनुसार, दोनों को मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को तुरंत चुनौती देनी चाहिए थी, जो उन्होंने नहीं किया। पुनरीक्षण दायर करने के लिए नियमों के तहत निर्धारित बाहरी समय सीमा से 84 दिनों की देरी हुई। इस प्रकार, देरी को माफ करते हुए, सत्र न्यायालय ने 13 जून को उन पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। यह पैसा अगले दो दिनों के भीतर जमा किया जाना है।
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, ये फाइन उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में लगाया गया है। उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने कहा कि उन्हें 14 जून को आदेश मिला और अदालत का कैश काउंटर, जहाँ पैसे जमा किए जाने थे, अगले दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अगले कुछ दिनों में अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन प्रक्रिया पूरी करने की औपचारिकताएँ पूरी नहीं हो सकीं और 10 दिन की अवधि बीत जाने के बाद कैश काउंटर पर मौजूद अधिकारियों ने पैसे लेने से इनकार कर दिया।
हालाँकि, शेवाले की ओर से पेश अधिवक्ता चित्रा सालुंखे ने दो दिन का समय माँगने वाले इस नए आवेदन का विरोध करते हुए कहा कि उनके उदासीन रवैये के कारण ही नकद जमा प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। सालुंखे ने यह भी आरोप लगाया कि यह ठाकरे और राउत की ओर से केवल देरी करने की रणनीति है। अब इस मामले में स्पेशल कोर्ट 31 जुलाई को दलीलें सुनना जारी रखेगा।