कर्नाटक के उडुपी जिले में पिछले साल एक मामला सामने आया था, जहाँ की तीन मुस्लिम लड़कियों पर हिंदू छात्राओं की वीडियो रिकॉर्डिंग का आरोप लगा था। इस मामले के आठ माह बीत जाने के बाद अब कर्नाटक की सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें नेत्र ज्योति कॉलेज के प्रिंसिपल और तीनों मुस्लिम छात्राओं शबानाज, अल्फिया और अलीमथ उल सफा के नाम हैं।
सीआईडी अधिकारी ने बताया कि हमने फोन से अन्य फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए और जाँच के दौरान लड़कियों ने भी अपराध कबूल कर लिया। इनके आधार पर हमने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर किया। सीआईडी की जाँच में ये बात साबित हुई है कि शबानाज, अल्फिया और अलीमथ उल सफा ने हिंदू सहपाठी का वीडियो बनाने के लिए मोबाइल फोन को शौचालय में रखा था, लेकिन मामला बढ़ जाने के बाद उन्होंने सबूत मिटाने के लिए वो वीडियो डिलीट कर दिया। ये चार्जशीट सीआईडी की डिप्टी एसपी अंजू माला की तरफ से दाखिल की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में तीनों लड़कियों ने माफीनामा भी लिखा था। उन्होंने कथित तौर पर बताया था कि वो किसी और का वीडियो बनाना चाहती थी, लेकिन किसी और का बन गया। इस मामले में माफीनामे की भी जाँच की गई है, जिसकी फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) ने पुष्टि की और बताया कि पत्र की लिखावट आरोपितों की लिखावट से ही मिलता है। हालाँकि सीआईडी ने कहा कि इस मामले में कोई ‘सांप्रदायिक’ एंगल नहीं था।
इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सीआईडी अधिकारी ने बताया , “हमने फोन से अन्य फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए और जाँच के दौरान लड़कियों ने भी अपराध कबूल कर लिया। इनके आधार पर हमने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर किया।” एक अन्य अधिकारी ने न्यूज18 से कहा, “लड़कियों ने दावा किया कि उन्होंने मनोरंजन के लिए ऐसा किया, लेकिन यह एक दंडनीय अपराध है।”
एक अन्य अधिकारी ने बताया है कि ये वीडियो किसी के पास भेजा नहीं जा सका, क्योंकि बवाल होते ही उन्होंने तुरंत वीडियो को डिलीट कर दिया। अभी उस वीडियो को रिकवर भी नहीं किया जा सका है। इस मामले में अब सीआईडी ने शबनाज, अल्फिया और अलीमथ उल सफा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 204 (गुप्त रूप से इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना), 509 (किसी भी महिला की गरिमा का अपमान करने का इरादा) और सूचना की धारा 66 ई के तहत चार्जशीट दाखिल कर दी है। बता दें कि इस मामले में सभी को पिछले साल ही जमानत मिल गई थी।