प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के जंतर-मंतर में ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ का उद्घाटन एक सप्ताह पहले किया था, जिसका ऐप आज (08 मार्च 2024) को जारी किया जाने वाला था, लेकिन उसी समय वैदिक घड़ी पर साइबर अटैक हो गया। साइबर अटैक के चलते वैदिक घड़ी का प्रोसेस स्लो हो गया है। उसके समय बताने में गलतियाँ हो रही हैं। अब इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ नाम से 8 मार्च 2024 को फ्री मोबाइल ऐप जारी किया जाना था। इससे पहले ही हैकर्स ने इस ऐप पर साइबर अटैक कर दिया। इस वैदिक घड़ी को महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ने बनाया है।
इस वैदिक घड़ी को बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले आरोह श्रीवास्तव ने कहा कि वैदिक घड़ी पर डीडीओएस अटैक हुआ है। इसकी वजह से सर्वर काफी धीमा हो गया है। यही वजह है कि अभी आम लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हम अभी सर्वर को पूरी तरह से सुरक्षित बना रहे हैं। साइबर अटैक के बाद विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के डायरेक्टर श्रीराम तिवारी के मुताबिक साइबर सेल में इस साइबर अटैक की शिकायत दर्ज करवा दी गई है।
क्यों खास है ये वैदिक घड़ी?
यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल वैदिक घड़ी है जो इंडियन स्टैंडर्ड टाइम भारतीय पंचांग और मुहूर्त की जानकारी देती है। इसको मोबाइल और टीवी पर भी सेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का ऐप हिंदी, अंग्रेजी अन्य भारतीय व विदेशी भाषाओं में तैयार किया जा रहा है। इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी होने के कारण दुनिया में कहीं भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सप्ताह पहले ही इस वैदिक घड़ी को देश को समर्पित किया था। वह लोकार्पण समारोह में वर्जुअली जुड़े थे। इस घड़ी को उज्जैन में स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण के मौके पर अतीत का जिक्र कर इसका इतिहास बताया था। लोग ऐप के जरिए कहीं से भी इसे देख सकते हैं।