उत्तर प्रदेश के मुरादनगर के मझौला क्षेत्र से एक बड़ा ही अजीब समझौते का मामला सामने आया। यहाँ पहले दो मुस्लिम सौतनों के बीच शौहर पर हक जताने को लेकर झगड़ा हुआ। फिर मामला पुलिस के पास पहुँचा। पुलिस ने जाँच के लिए पूरे केस को नारी उत्थान केंद्र को सौंपा। और अंत में फैसला हुआ कि अब दोनों महिलाएँ एक ही छत के नीचे लेकिन अलग-अलग अपने शौहर के साथ रहेंगी। दोनों के बीच झगड़ा न हो इसके लिए शौहर एक दिन एक बेगम के साथ रहेगा और दूसरे दिन दूसरी बेगम के साथ। इतना ही नहीं समझौते में ये भी तय हुआ कि शौहर दोनों बेगमों को अलग-अलग राशन भी लाकर देगा।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम युवक की पहली बेगम ने कुछ समय पहले इलाके की महिला एसएसपी से शिकायत कर इस मामले में केस दर्ज करवाया था। उसने अपनी शिकायत में बताया था कि साल 2010 में उसका निकाह हुआ था। लेकिन निकाह के 7 साल बाद भी उसके कोई संतान नहीं हुई। संतान सुख पाने के लिए उसने अपने शौहर को दूसरा निकाह करने की सलाह दी।
बेगम की बात मानते हुए मुस्लिम युवक ने साल 2017 में दूसरा निकाह किया। लेकिन कुछ महीने बाद ही मुस्लिम शख्स की दूसरी पत्नी न केवल उसपर अपना अधिकार जताने लगी, बल्कि पहली पत्नी से मिलने पर पाबंदियाँ भी लगानी शुरू कर दी। जिसके चलते देखते-ही-देखते कुछ समय में दोनों के बीच मारपीट भी होने लगी और इसी कारण से पहली बीवी ने अपनी सौतन से जान का खतरा बताते हुए महिला एसएसपी से शिकायत की।
पूरे मामले की जाँच-पड़ताल करके पुलिस ने इस मामले की जाँच नारी उत्थान केंद्र स्थित परिवार परामर्श केंद्र में भेजा। जहाँ शिकायतकर्ता महिला, उसकी सौतन और शौहर को बुलाया गया और प्रभारी संध्या रावत ने इस मामले में उनकी काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान शौहर का दूसरी बीवी को ज्यादा समय देना विवाद की वजह सामने आया। दोनों बीवियाँ एक दूसरे से अलग मकान में रहना चाहती थीं। मगर, शौहर ने दोनों को अलग-अलग रखने में अपनी असमर्थता जताई। जिसे समझते हुए विवाद का निपटारा करने के लिए पुलिस ने उनको एक ही मकान में अलग-अलग रहने की सलाह दे दी।
इसके बाद महिलाओं ने शर्त रखी कि पति एक दिन पहली बीवी के साथ रहेगा और दूसरे दिन दूसरी बीवी के साथ। दोनों का राशन भी अलग-अलग लाकर देगा। इस पर सहमति बन गई।
गौरतलब है कि परिवार परामर्श केंद्र की काउंसलिंग के बाद ये पहला मामला नहीं है। जहाँ दो महिलाएँ एक शौहर को बाँटने के लिए तैयार हो गई हों। इससे पहले भी मुरादाबाद के सिविल लाइन से एक मामला सामने आया था। जहाँ काउंसलिंग के बाद तीन बीवियाँ आपसी विवाद भुलाकर अपने शौहर के साथ रहने को तैयार हो गईं थीं।