उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मथुरा-वृंदावन में कृष्ण जन्मस्थल के 10 वर्ग किलोमीटर दायरे को तीर्थस्थल घोषित कर दिया है। अब इस दायरे में शराब और मांँस नहीं बिकेगी। इस क्षेत्र में माँस और मदिरा की बिक्री पर रोक को लेकर शीघ्र ही आदेश भी जारी कर दिया जाएगा।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने मथुरा-वृंदावन में श्री कृष्ण जन्म स्थल को केंद्र में रखकर 10 वर्ग कि.मी. क्षेत्र के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 10, 2021
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शुक्रवार (सितंबर 10, 2021) को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा-वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्म स्थल को केंद्र में रखकर 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के कुल 22 नगर निगम वार्ड, क्षेत्र को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित किया है।
UP Govt declares 10 sqkm area of Mathura-Vrindavan as pilgrimage site, banning sale of liquor and meat in the area
— ANI UP (@ANINewsUP) September 10, 2021
मथुरा में कृष्णोत्सव 2021 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मथुरा में शराब और माँस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि संबंधित अधिकारियों को प्रतिबंध की योजना बनाने के साथ-साथ इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों को किसी अन्य व्यापार में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया था कि मथुरा की महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए शराब और माँस के व्यापार में लगे लोग दूध बेचना शुरू कर सकते हैं। मथुरा भारी मात्रा में पशु दूध का उत्पादन करने के लिए जाना जाता था।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में भाग लेने मथुरा पहुँचे थे। कृष्णोत्सव का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कृष्ण भक्तों को संबोधित किया और याद दिलाया कि कैसे पहले के मुख्यमंत्री, विधायक, राजनेता मथुरा, अयोध्या का नाम लेने से डरते थे, हिंदू पर्वों पर बधाई देने से घबराते थे, बिजली-पानी, सुरक्षा भी नहीं दिया जाता था, हर्षोल्लास पर बंदिशें थीं, त्योहार मनाने के लिए समय की पाबंदी थी, लेकिन अब कान्हा का जन्मोत्सव धूमधाम से आधी रात में ही होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “पहले आपके पर्व-त्योहार में बधाई देने के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक नहीं आते थे। बीजेपी के नेताओं को छोड़कर बाकी दलों के नेता दूर भागते थे। हिंदुओं के पर्व में कोई नेता सहयोग नहीं करता था और बंदिशें भी लगाई जाती थी। लेकिन अब कोई बंदिश नहीं है। यह राजनीतिक परिवर्तन है।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि आजादी के बाद रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति हैं जिन्होंने अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन किए। इससे पहले सरकारों में बैठे लोगों को पूजा करने में भी सांप्रदायिकता का भय होता था। जो पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे, अब कहते हैं राम और कृष्ण हमारे हृदय में हैं।