उत्तर प्रदेश में ‘अभ्युदय’ योजना के तहत निशुल्क कोचिंग सेवा में एडमिशन लेने वाले युवाओं को योगी सरकार ने टैबलेट देने का निर्णय लिया है। योगी आदित्यनाथ सरकार 10 लाख युवाओं को टैबलेट देगी। टैबलेट मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए चलाई जा रही निश्शुल्क कोचिंग में दाखिला पाने वाले विद्यार्थियों को ही मिलेगा। इस कोचिंग में एडमिशन लेने के लिए अभ्यार्थी को प्रवेश परीक्षा में पास होना होगा, उसके बाद ही उसे दाखिला मिलेगा।
जानकारी के मुताबिक, अभी तक 5 लाख युवा अभ्युदय कोचिंग में ऑनलाइन व फिजिकल कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। युवाओं के उत्साह को देखते हुए फिजिकल कक्षाओं में दाखिले के लिए 28 फरवरी तक पंजीकरण की सुविधा फिर से दी गई है। इसके लिए 5 और 6 मार्च को प्रवेश परीक्षा होगी।
बता दें कि योगी सरकार का इस योजना के जरिए मकसद युवाओं की प्रतिभा को तलाशना है। सरकार इन्हें आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। टैबलेट मुहैया कराने के पीछे भी सरकार की यही सोच है कि इससे युवा छात्र मात्र एक क्लिक में पूरी दुनिया की जानकारी बेहतर ढंग से ले पाएँगे।
इन कोचिंग्स में सिविल सेवा परीक्षा, जेईई, नीट व एनडीए के लिए तैयारी करवाई जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की क्रियान्वयन समिति के सदस्य व लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार ने बताया कि कोचिंग में विद्यार्थी ऑनलाइन के साथ फिजिकल कक्षाओं में भी पढ़ रहे हैं। अब फिर से फिजिकल कक्षाओं में दाखिले के लिए छात्र-छात्राएँ अपना पंजीकरण कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को रात आठ बजे तक वेबसाइट abhyuday.up.gov.in पर अपना पंजीकरण कराया जा सकता है। ऐसे अभ्यर्थी जो ऑनलाइन कक्षाओं के लिए पहले से पंजीकृत हैं, वह भी फिजिकल क्लासेज में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दे सकेंगे। कोचिंग में पढ़ रहे विद्यार्थियों में से टैबलेट पाने के पात्र मेधावियों को चयनित करने के लिए जल्द नियम व शर्तें घोषित होंगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 फरवरी 2021 को सिविल परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग योजना ‘अभ्युदय’ का शुभारंभ किया था। इस दौरान उन्होंने कोचिंग के लिए चयनित छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया था। 16 फरवरी 2021 यानी बसंत पंचमी से इस योजना के तहत कक्षाएँ शुरू हुई थीं। तब तक इस योजना के लिए कुल 4 लाख 84 हजार से अधिक छात्रों ने पंजीकरण करवा लिया था। उनमें से सरकार ने 50 हजार का चयन किया था।