उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मंदिर में नमाज पढ़ने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। आरोपित की पहचान अनवर के रूप में हुई। आरोप है कि अनवर ने मंदिर में नमाज पढ़ने के साथ ही गजवा-ए-हिंद के नारे लगाते हुए मंदिर को बम से उड़ा वहाँ मस्जिद बनाने की धमकी दी। घटना शुक्रवार (9 जून 2023) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला हापुड़ के श्रीचंडी सिद्धपीठ मंदिर का है। यहाँ सुबह करीब 4:40 बजे एक युवक मंदिर में घुस गया। कुछ देर टहलने के बाद उसने चादर बिछाकर नमाज पढ़नी शुरू कर दी। इस पर मंदिर के पुजारी और वहाँ मौजूद लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की। इस पर वह भड़क गया और उनके साथ गाली-गलौज करने लगा। अभद्रता के बाद भी वहाँ मौजूद लोग उसे मंदिर से जाने के लिए कह रहे थे। इस पर उसने अगले जुमे को नमाज पढ़ने की धमकी दी।
Anwar arrested for offering Namaz in famous Chandi Devi Temple in Hapur, UP.
— Hate Tracker (@HatetrackIN) June 10, 2023
He threatened to blow the temple on next Friday when he was stopped from offering Namaz.
Anwar also raised Ghazwa-e-Hind slogans. pic.twitter.com/rU3I6Id25S
यही नहीं, अनवर ने मंदिर परिसर में गजवा-ए-हिंद का नारे लगाते हुए मंदिर को बम से उड़ाने और वहाँ मस्जिद बनाने की धमकी दी। इसके बाद उसने मंदिर में लूटपाट करने की धमकी देते हुए दावा किया था कि मंदिर के बाहर उसके अन्य साथी भी मौजूद हैं। हालाँकि इसके बाद मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं ने उसे मंदिर परिसर से भगा दिया। इस मामले की जानकारी जैसे ही इलाके में फैली, भारी संख्या में लोग मंदिर के पास इकट्ठा होकर हँगामा करने लगे।
— HAPUR POLICE (@hapurpolice) June 9, 2023
इस घटना से नाराज व्यापारी वर्ग ने भी बंद की चेतावनी दे दी। मामले की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुँच गई। पुलिस के साथ ही डीएम, एसपी समेत आला अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुँचे और लोगों को शांत कराया। पुलिस ने मंदिर परिसर से सीसीटीवी फुटेज लेकर मामले की जाँच शुरू की थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अनवर को गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ धारा 295, 295A, 298, IPC की धारा 153A ज तहत मामला दर्ज किया गया।
शुरुआती जाँच के आधार पर पुलिस इस मामले में किसी भी प्रकार के षड्यंत्र की बात से इनकार करते हुए आरोपित से कड़ी पूछताछ की बात कर रही है। वहीं, दूसरी ओर मंदिर के पुजारियों व अन्य लोगों ने मंदिर परिसर को गंगाजल से धुलकर वहाँ पूजा अर्चना की।