उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा के रद्द होने के 24 घंटों के भीतर ही एसटीएफ ने पहली गिरफ्तारी कर ली है। एसटीएफ ने पेपर लीक कांड से जुड़े नीरज यादव को गिरफ्तार किया है। एसटीएफ की गिरफ्त में आया नीरज यादव बलिया जिले का रहने वाला है। उसी ने वॉट्सऐप पर पेपर को शेयर किया था। अब एसटीएफ इस खेल के दूसरे खिलाड़ियों को पकड़ रही है।
यूपी एसटीएफ ने ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई है, जो पेपर लीक कांड से जुड़े हो सकते हैं। इसमें पश्चिमी यूपी के मोनू मालिक और कपिल जैसे बदमाशों की तलाश भी की जा रही है, इन्हें पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में पेपर लीक करने वाले गैंग का सरगना कहा जाता है। ये सबकुछ सीएम योगी आदित्यनाथ के उस आदेश के बाद हो रहा है, जिसमें उन्होंने कड़ी कार्रवाई के लिए कहा था। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरज यादव के पास से मूल परीक्षा के प्रश्न भी मिले हैं, जो उसे मथुरा से भेजे गए थे। यहाँ किसी उपाध्याय नाम के व्यक्ति का नाम सामने आ रहा है। हालाँकि वो अभी फरार बताया जा रहा है। यूपी एसटीएफ के सूत्रों की मानें, तो एसटीएफ ने ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार की है, जो पेपर लीक कांड से जुड़े हो सकते हैं। इस मामले में एसटीएफ अभ्यर्थियों की ओर से मिले उन इनपुट्स पर भी ध्यान दे रही है, जो उन्होंने ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराए हैं।
सीएम योगी ने किया था कड़ी कार्रवाई का वादा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को रद्द करने का ऐलान करते हुए कहा था कि “उत्तर प्रदेश आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं। परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।”
बता दें कि यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी। 60,244 पदों के लिए आयोजित की गई इस भर्ती परीक्षा में करीब 50 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जबकि 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। इस परीक्षा के बाद से ही शिकायतें आ रही थी कि इसके पेपर लीक हो गए थे और इस परीक्षा को रद्द करने की माँग को लेकर अभ्यर्थी प्रदर्शन भी कर रहे थे। हालाँकि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि 17-18 फरवरी को हुई परीक्षा को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है, और अगले 6 माह के अंदर ही ये प्रक्रिया फिर से पूरी कर ली जाएगी।