उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बुधवार (जुलाई 17, 2019) को जमीनी विवाद में 3 महिलाओं समेत 11 लोगों की हत्या कर दी गई। घोरावल इलाके के उम्भा गाँव में हुई इस घटना में 17 लोग घायल हुए। 5 की हालत गंभीर है। ज़मीन से जुड़े विवाद को लेकर हुए नरसंहार में ग्राम प्रधान के भतीजे समेत 24 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मुख्य आरोपित प्रधान अभी फरार बताया जा रहा है। वांछितों की धरपकड़ तेज कर दी गई है। 50 अज्ञात के खिलाफ भी अभियान तेज है। नरसंहार में इस्तेमाल किए गए हथियारों को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
उभ्भा गाँव का प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर कुछ साल पहले एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ा हुआ था। गाँव के भाईलाल बताते हैं कि सालों पहले वह अपनी गाड़ी पर बसपा का झंडा लगाकर चलता था। गाँव वालों के अनुसार लगभग 50-60 साल पहले पश्चिमी यूपी से यज्ञदत्त के पूर्वज यहाँ आए। उसके बाद यहीं बस गए। इस गाँव में रहने वाले आदिवासी सौ-डेढ़ सौ साल से यहाँ रह रहे हैं। इस गाँव में गुर्जर के डेढ़ सौ परिवार हैं, जिसमें लगभग छह सौ लोगों की आबादी है। आदिवासियों की आबादी लगभग साढ़े पाँच सौ के आसपास है।
Sonbhadra: Casualties reported after firing between two groups over a land dispute in Ghorawal today; District Magistrate Ankit Kumar Agarwal says, “We can’t tell exact numbers as of now. 9 persons brought to District Hospital. Some are injured & some are dead.” pic.twitter.com/QDeL1QylFK
— ANI UP (@ANINewsUP) July 17, 2019
रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह को मामले पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है। CM आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए मिर्जापुर के मण्डलायुक्त तथा वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को घटना के कारणों की संयुक्त रूप से जाँच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही लापरवाही सामने आने पर जिम्मेदारी तय करते हुए 24 घण्टे में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इस घटना में मारे गए लोगों के परिजन को पाँच-पाँच लाख रुपए की सहायता का एलान किया है। उन्होंने जिलाधिकारी सोनभद्र से पूछा है कि ग्रामवासियों को पट्टे आखिर क्यों मुहैया नहीं कराए गए थे?
गाँव के लल्लू सिंह की तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपित ग्राम प्रधान यज्ञदत्त समेत अन्य के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा कायम किया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम बनाकर संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।
डीजीपी सिंह के अनुसार, ग्राम प्रधान यज्ञवत घुर्तिया ने दो साल पहले एक आईएएस अधिकारी से उम्भा गाँव में 90 बीघा जमीन खरीदी थी। बुधवार सुबह प्रधान घुर्तिया जमीन पर कब्जा करने के लिए कई लोगों को ट्रैक्टर ट्राली से लेकर पहुँचा था। प्रधान ने ट्रैक्टर से जुताई शुरू की तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया।
सोशल मीडिया में लोग पूछ रहे हैं कि जिस जगह आदिवासी कई पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं वहां की
लगभग सौ बीघा ज़मीन कैसे एक कलेक्टर के नाम ट्रांसफर हो गई?
इसी दौरान प्रधान पक्ष के लोगों ने धारदार हथियारों से ग्रामीणों पर हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधान और उसके लोगों ने गाँव वालों पर अंधाधुंध गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं। इसमें नौ लोगों की मौत हुई। मृतकों में तीन महिलाएँ और 6 पुरुष शामिल हैं। घायलों को रॉबर्ट्सगंज जिला अस्पताल और पीएचसी घोरावल में भर्ती करवाया गया। इस मामले में अब तक पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गाँव में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बताया जा रहा है कि 16 जुलाई को 32 ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर प्रधान समेत 300 लोग ज़मीन पर कब्ज़ा करने पहुँचे थे।
उत्तर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था के प्रभारी पुलिस अधिकारी पीवी रामाशास्त्री ने कहा, “जमीन के इस टुकड़े के लिए इससे पहले भी ग्राम प्रधान और गाँव वालों में विवाद हो चुका था। उस समय पुलिस के दखल से मामला शांत हुआ था।”
उन्होंने कहा, “ग्राम प्रधान का आरोप है कि गाँव वालों ने अवैध तरीके से उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। पुलिस ने दोनों पक्षों से पीछे हटने को कहा था और जिला प्रशासन ने जमीन को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया था, जिसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी थी।”