उत्तर प्रदेश के एटा में 10 ईसाई परिवारों के 35 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की है। वर्ष 1995 में धर्मांतरण कर ये लोग ईसाई बन गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन्हें प्रलोभन देकर ईसाई बनाया गया था। मामला एटा जिले के थाना शकरौली क्षेत्र के जरानीकलां गाँव का है।
हिंदू एकता समूह के सदस्यों ने इस संबंध में प्रयास किया था। समूह के सदस्यों ने इन लोगों से बातचीत की तो पता लगा कि इनमें से कई लोग सनातन धर्म में वापसी के इच्छुक हैं। इसके बाद संगठन की ओर से अन्य लोगों को भी समझाया गया और हिंदू धर्म की महत्ता के बारे में बताया गया। इसके बाद सोमवार (2 जनवरी 2023) को गाँव के ही पथवारी माता मंदिर में इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन किया गया और इनलोगों की सनातन धर्म में वापसी करवाई गई। 35 लोगों ने हवन में आहुति देकर अपनी इच्छा से सनातन धर्म अपनाया।
हिंदू एकता समूह के संस्थापक शुभम ने बताया कि वर्ष 1995 में इनलोगों को प्रलोभन देकर और गुमराह करके ईसाई बना दिया गया था। इसके बाद हिंदू देवी-देवताओं के फोटो को अलग कर इन्हें हर रविवार चर्च बुलाया जाने लगा था। इसके बाद ये लोग ईसाई धर्म के अनुसार ही जीवन-यापन करने लगे थे। पर इनमें से कई लोग सनातन धर्म में वापसी के इच्छुक थे। इसलिए इनमे से 35 लोगों ने स्वेच्छा से हवन में आहुति देकर घर वापसी की।
हवन कराने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस मौके पर घर वापसी करने वाले सभी लोगों को कभी हिंदू धर्म नहीं छोड़ने का संकल्प दिलाया। संकल्प दिलाने के बाद उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हिंदू धर्म के लिए अपने बलिदान दिए हैं। ऐसे में उन्हें अपमानित नहीं करना चाहिए। इसके बाद सभी लोगों की गंगा जल से शुद्धि कराई गई।
गौरतलब है कि बीते 25 दिसंबर 2022 को मध्य प्रदेश के दमोह में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी रामकथा के दौरान 300 लोगों की घर वापसी करवाई थी। उससे एक दिन पहले छत्तीसगढ़ के जशपुर में भी विशाल हिंदू सम्मेलन के दौरान अखिल भारतीय घरवापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 50 धर्मांतरित परिवार के सदस्यों का चरण पखार उनकी सनातन धर्म में वापसी करवाई थी।