Wednesday, November 13, 2024
Homeदेश-समाजअब उत्तराखंड के ब्राइट एंजेल पब्लिक स्कूल में जुमे के नमाज की छुट्टी, देहरादून...

अब उत्तराखंड के ब्राइट एंजेल पब्लिक स्कूल में जुमे के नमाज की छुट्टी, देहरादून में प्रबंधक एम के हुसैन के विरोध में आगे आए हिन्दू संगठन और अभिभावक

"स्कूल के प्रबंधक मुस्लिम समुदाय से हैं। वो मज़हबी कट्टरता फैला रहे हैं। स्कूल में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल मैनेजमेंट का यह कदम उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली पर बुरा असर डालेगा।"

झारखंड के बाद अब उत्तराखंड के एक स्कूल में शुक्रवार को जुमे की नमाज की छुट्टी देने का मामला सामने आया है। स्कूल का नाम ब्राइट एंजेल पब्लिक स्कूल है जो राजधानी देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में पड़ता है। इस स्कूल के प्रबंधक एम के हुसैन और प्रिंसिपल अज़रा हुसैन हैं। लोगों के कड़े विरोध के बाद स्कूल ने शुक्रवार को छुट्टी देने का फैसला वापस लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्राइट एंजेल स्कूल के बच्चों का नियमित समय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होता है। इसमें पढ़ने वाले छात्र पिछले गुरुवार (21 जुलाई 2022) को जब घर आए तो उनकी डायरी में लिखा था कि हर शुक्रवार दोपहर 12 बजे स्कूल बंद हो जाएगा। अभिभावकों को स्कूल का ये आदेश अजीब लगा और उन्होंने इसका विरोध किया। जब इसकी जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई तब उन्होंने इस फरमान की शिकायत जिलाधिकारी (DM) से की। DM ने फौरन ही SDM को मामले की जाँच के आदेश दिए।

हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारी राकेश तोमर ने आरोप लगाया, “स्कूल के प्रबंधक मुस्लिम समुदाय से हैं। वो मज़हबी कट्टरता फैला रहे हैं। स्कूल में हर धर्म के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल मैनेजमेंट का यह कदम उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली पर बुरा असर डालेगा।” कुछ ही देर में स्कूल का फरमान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की माँग करने लगे।

स्कूल प्रबंधन का माफ़ीनामा

इस पूरे मामले में जब SDM विकासनगर ने स्कूल के प्रबंधक और प्रिंसिपल को अपने ऑफिस में बुला कर जवाब-तलब किया तब उन दोनों ने बिना शर्त माफ़ी माँग ली। फ़ौरन ही स्कूल प्रबंधन ने अपने आदेश को वापस लेने का ऐलान किया। स्कूल के डायरेक्टर ने इस फैसले को स्टाफ की सुविधा के लिए लिया गया कदम बताया था।

डायरेक्टर एम के हुसैन

गौरतलब है कि ब्राइट एंजेल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक एम के हुसैन को स्थानीय लोग मेजर साहब बुलाते हैं। प्रिंसिपल अजरा हुसैन उन्ही के परिवार से हैं। वो सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से रिटायर हुए थे। बाद में वो उत्तराखंड मुस्लिम एजुकेशनल लॉ बोर्ड के चेयरमैन भी बने थे। जब ऑपइंडिया ने उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें कॉल किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गैर मुस्लिमों को जबरन नहीं परोसा जाएगा ‘हलाल मांस’, एअर इंडिया का बड़ा फैसला: जानें यह कैसे सही दिशा में कदम

देश की प्रमुख एयरलाइन एअर इंडिया ने फैसला किया है कि वह अब गैर-मुस्लिम यात्रियों को हलाल माँस नहीं परोसेगी।

बढ़कर 21% हुए मुस्लिम, 54% तक घटेंगे हिंदू: बांग्लादेशी-रोहिंग्या बदल रहे मुंबई की डेमोग्राफी, TISS की जिस रिपोर्ट से घुसपैठ पर छिड़ी बहस उसके...

अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुस्लिमों का घुसपैठ मुंबई में बड़े पैमाने पर सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बदलाव ला रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -