उत्तराखंड में आए जल प्रलय के दसवें दिन मंगलवार (16 फरवरी, 2021) को तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में मलबा हटाने का कार्य जारी है। मलबे में फँसी जिंदगियों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे बचावकर्मियों ने अपनी पूरी जी जान लगा दी है।
ताजा जानकारी के मुताबिक, तपोवन में स्थित NTPC टनल में भी सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ ‘मिशन जिंदगी’ में जुटी हुई है लेकिन अभी तक टनल से एक भी शख्स जिंदा नहीं मिल पाया है। तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग से दो और शव मिले हैं।
#UPDATE Uttarakhand: A total of 11 bodies recovered from Tapovan tunnel in Joshimath of Chamoli district so far; 58 bodies in total. 146 more bodies yet to be found. pic.twitter.com/SI143qZb5P
— ANI (@ANI) February 16, 2021
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट्स के अनुसार, अब कुल मृतकों की संख्या 58 हो गई है। वहीं लापता 206 लोगों में से अभी भी 146 लापता है। सुरंग से अब तक 11 शव निकाले जा चुके हैं। वहीं परियोजना के बैराज की ओर मलबा जमा है, जिसमें शवों के दबे होने की आशंका है।
#Uttarakhand: Search and rescue operation underway at Tapovan tunnel in Joshimath of Chamoli district. A total of 11 bodies recovered from the tunnel so far, 58 bodies in total till now.
— ANI (@ANI) February 16, 2021
The region was hit by a flash flood on February 7th after a glacial burst. pic.twitter.com/MwRfcWfgy0
कहा जा रहा है कि एनटीपीसी टनल के अंदर से शवों के मिलने का सिलसिला जारी है। कल यानी सोमवार को टनल के अंदर से जवानों ने 3 शवों को बरामद किया था। हालात इतने दर्दनाक हैं कि खोजबीन के दौरान जवानों को सुरंग की छत पर शव चिपके मिले हैं। 10 दिन से घंटों की मशक्कत के बाद निकाले गए मजदूरों के शव पानी और मलबे की वजह से फुले मिले हैं।
ज्यादतर मृतकों की उम्र 30 से 35 साल के बीच है। अनुमान लगाया जा रहा है कि भयंकर तबाही के दौरान ये सभी अपनी जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागे होंगे। लेकिन अचानक से आए मलबे ने रास्ते को जाम कर दिया, जिससे उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बाढ़ के दबाव से उनका शव सुरंग की छत पर चिपक गया।
वहीं अब इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आपदा के इतने दिन बीत जाने के बाद टनल में फँसे किसी भी व्यक्ति का जिंदा बचना बहुत मुश्किल है।
बता दें कि विगत सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा आ गई थी। आपदा में कुल 206 लोग लापता हुए थे। ऋषिगंगा और धौली गंगा में आई भीषण आपदा से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है।
रेस्क्यू टीम टनल में अंदर के हाल जानने के लिए ड्रोन और रिमोट सेंसिंग उपकरणों की मदद भी ले रही है। इस टनल की लंबाई करीब ढाई किलोमीटर है। इसका ज्यादातर हिस्सा आपदा में आए मलबे से भरा पड़ा है। तपोवन में चौबीसों घंटे एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है।