Saturday, November 16, 2024
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‘धरना स्थल खाली करो’: किसान नेताओं ने पुलिस पर लगाया बदले की कार्रवाई का आरोप, समर्थन नहीं मिलने से घबराए नेता

किसान नेताओं ने दावा किया है कि टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए है जिसमें किसानों से धरना खाली करने की चेतावनी दी गई है। उनका कहना है कि इस तरह के पोस्टर प्रासंगिक नहीं है जहाँ किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे है।

दिल्ली पुलिस ने अब सीमा पर आंदोलन में लगे ‘किसानों’ पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जहाँ गाजीपुर बॉर्डर पर उन्हें जगह खाली करने को कहा गया है, वहीं टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के नेता इसे केंद्र सरकार की ‘बदले की कार्रवाई’ बता रहे हैं और पुलिस के खिलाफ लगातार किसानों को भड़काने में लगे हुए हैं। हालाँकि, अब उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने बयान जारी करते हुए इस कार्रवाई को किसानों को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। लेकिन, उन्होंने ये भी दावा कर डाला कि इस तरह की कार्रवाई से किसान आंदोलन कमजोर होने के बजाए और मजबूत ही होता जाएगा। उन्होंने दो नेताओं के समर्थकों के बीच हुई झड़प को ‘भाजपा नेताओं द्वारा किसानों से मारपीट’ करार दिया। बता दें कि मुजफ्फरनगर में भाजपा सांसद संजीव बालियान और RLD नेता जयंत चौधरी भिड़ गए थे।

‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, किसान नेताओं ने दावा किया है कि टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए है जिसमें किसानों से धरना खाली करने की चेतावनी दी गई है। उनका कहना है कि इस तरह के पोस्टर प्रासंगिक नहीं है जहाँ किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। दिल्ली की सीमा पर दो महीने से अधिक समय से किसान धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को हिंसा होने के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ गई थी और उनमें से कई आंदोलन में अलग हो गए थे। किसान नेताओं का कहना है कि वो पुलिस के इस कदम का विरोध करते हैं और किसानों से अपील करते है कि शांतिपूर्ण विरोध जारी रखे। इस तरह की धमकियाँ और चेतावनी से किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिशों का सख्त विरोध किया जाएगा व इससे किसान संघर्ष को और मजबूती मिलेगी। 

उधर पंजाब के किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस किसानों को परेशान करने के लिए झूठे नोटिस भेज रही है। साथ ही सभी किसानों से अपील की गई कि वो दिल्ली पुलिस के साथ बिलकुल भी सहयोग न करें। उग्रहान ने कहा था, “हमारे संगठन से किसी को भी गिरफ्तार करना बहुत मुश्किल है। अगर सरकार इस तरह कार्रवाई करती है तो ये ठीक नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को सब पहले से ही पता है और चुनौती दी कि दिल्ली पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर के दिखाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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