Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजज्ञानवापी विवादित ढाँचे में मिले शिवलिंग को फव्वारा बताने पर बोले IIT-BHU के प्रोफेसर-...

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में मिले शिवलिंग को फव्वारा बताने पर बोले IIT-BHU के प्रोफेसर- पुराने जमाने में बिजली नहीं थी, 150 फुट से पानी गिराना होता था

प्रोफेसर आरएस सिंह ने कहा कि पुराने जमाने में भी फौव्वारे का निर्माण होता था, लेकिन जब तक पानी 100-150 फुट ऊपर से नहीं गिराया जाता, तब तक फव्वारे में पानी नहीं आता था। उन्होंने कहा कि अगर यह फव्वारा है तो इसके नीचे कोई मैकेनिज्म होगा और बेसमेंट में इसका सिस्टम बना होगा।

एक तरह जहाँ वाराणसी (Varanasi) के विवादित ज्ञानवापी ढाँचे (Gyanvapi Controversial Structure) में मिले शिवलिंग को मुस्लिम पक्ष फव्वारा बताकर इतिहास को झूठा साबित करने की कोशिश कर रहा है, वहीं IIT, BHU के प्रोफेसर ने इसे नकार दिया है। IIT, BHU में मैटेरियल और केमिकल साइंस के प्रोफेसर आरएस सिंह (RS Singh) कहा कि यह शिवलिंग ही है, क्योंकि पुराने जमाने में बिजली नहीं होती थी।

प्रोफेसर सिंह ने कहा पुराने जमाने में फव्वारे को चलाने के लिए पानी को काफी ऊपर से गिराया जाता था और वह दबाव में फव्वारे का आकार लेता था। उन्होंने कहा कि विवादित ज्ञानवापी परिसर में ऐसा कोई सिस्टम नहीं दिखा। शिवलिंग के ऊपर फव्वारेनुमा जो आकृति दिख रही है, वह सीमेंट रखा हुआ हो सकता है।

शिवलिंग के पन्ना होने की बात को लेकर उन्होंने कहा कि उसका को केमिकल एनालिसिस नहीं हुआ है, इसलिए यह कहना है कि वह पन्ना का है, थोड़ा मुश्किल है। इसको देखकर लगता है कि यह काफी पुराना है और लंबे समय से पानी में है। उन्होंने कहा कि अंतिम बार इसे राजा टोडरमल ने 400-500 साल पहले बनवाया था और उस समय बिजली नहीं थी।

प्रोफेसर आरएस सिंह ने कहा कि पुराने जमाने में भी फौव्वारे का निर्माण होता था, लेकिन जब तक पानी 100-150 फुट ऊपर से नहीं गिराया जाता, तब तक फव्वारे में पानी नहीं आता था। उन्होंने कहा कि इतने रेडियस का फव्वारा नहीं होता। अगर यह फव्वारा है तो इसके नीचे कोई मैकेनिज्म होगा और बेसमेंट में इसका सिस्टम बना होगा।

आजतक के अनुसार, उन्होंने कहा कि जो लोग इसे फव्वारा बता रहे हैं, वे लोग इसे चलाकर दिखा दें। अगर यह जाता है तो मान लिया जाएगा कि यह फव्वारा है, नहीं तो यह शिवलिंग है। वहीं, केमिकल डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर चंदन उपाध्याय ने कहा कि अगर यह फव्वारा है तो इसमें नोजल होना चाहिए, जो इसमें दिख नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें पानी होनी चाहिए, वह भी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग पन्ना का हो सकता है, लेकिन इसको प्रमाणित करने के लिए जाँच जरूरी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -