उत्तर प्रदेश के वाराणसी के मंदिरों से साईं की मूर्तियाँ हटाने वाले अजय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार (2 अक्टूबर 2024) की रात 2 बजे अजय शर्मा मंदिरों से साईं की मूर्तियाँ हटाने के लिए घर से निकला था। इसकी सूचना मिलते ही सादी वर्दी में पुलिस पहुँची और रास्ते से ही उसे उठा लिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
DCP काशी गौरव बंसवाल ने बताया कि सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को शांतिभंग के आरोप में हिरासत में लिया गया। इस बीच, चौक स्थित आनंदमई मंदिर के पुजारी ने चौक थाने में अजय शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने धार्मिक परंपराओं, धार्मिक स्थलों या प्रतीकों के अपमान, शांतिभंग आदि के आरोपों में मुकदमा दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
इसी आरोप में साईं भक्तों ने भी अजय शर्मा के खिलाफ सिगरा थाने में तहरीर दी है। इससे पहले शर्मा के घरवालों ने आरोप लगाया था कि रात 2 बजे मैदागिन चौराहे से नीली कार से आए कुछ युवक उसे उठा ले गए। उसके दोनों मोबाइल नंबर ऑफ हैं। पुलिस कमिश्नर से साईं मंदिर के प्रबंधकों ने मुलाकात की। काशी के सभी 72 मंदिरों की सुरक्षा की माँग की है।
सनातन रक्षक दल ने 1 अक्टूबर को वाराणसी के 14 मंदिरों से साईं की मूर्तियाँ हटाई थीं। संस्थान का दावा है कि अभी 60 और मंदिरों की लिस्ट है। इधर, लखनऊ में भी अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मंदिरों से साईं मूर्तियों को हटाने की माँग की है। महासभा का कहना है कि मंदिरों में साईं मूर्तियों को स्थान नहीं दिया जाएगा।
इस घटना के बाद महाराष्ट्र स्थित शिरडी साईं ट्रस्ट ने इस पर तत्काल रोक लगाने की माँग की। शिरडी साईं ट्रस्ट का कहना है, “हमने महाराष्ट्र सरकार से बात की है और उनसे कहा है कि यूपी सरकार से इस मसले पर बातचीत करे। मूर्तियाँ हटाने पर तत्काल रोक लगाई जाए। ऐसे कार्य से साईं भक्तों की भावना आहत हो रही है।” उसने कहा कि ऐसे 100 मंदिरों की सूची बनाई गई है।
इस घटना से पहले अजय शर्मा ने दैनिक भास्कर से कहा था कि काशी भगवान शिव की नगरी है। यहाँ साईं बाबा का कोई काम नहीं है। मूर्तियाँ हटाने का संकल्प 2 साल पहले लिया था। तभी अभियान का आगाज हुआ था। लोगों को जागरूक करने में इतना समय लगा। शर्मा ने कहा कि काशी खंड के सभी मंदिरों से साईं की मूर्तियों को हटाया जाएगा। अगर किसी को पूजा करनी है तो वह घर में करे।
बता दें कि केंद्रीय ब्राह्मण सभा के विरोध के बाद मूर्तियाँ हटाई गई थीं, जिसमें साईं की पूजा को सनातन धर्म विरोधी बताया गया था। मूर्तियाँ हटाने से पहले संबंधित मंदिरों की सहमति ली गई है और उन्हें विधि-विधान से गंगा में विसर्जित किया जा रहा है। जिन प्रमुख मंदिरों से साईं की प्रतिमाएँ हटाई गई हैं, उनमें बड़ा गणेश मंदिर, त्र्यंबकेश्वर मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और पुरुषोत्तम मंदिर शामिल हैं।