विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राम नवमी पर पूरे पश्चिम बंगाल में 1,000 से अधिक रैलियाँ या शोभा यात्रा निकालने की योजना बनाई है। ऐसा बंगाल में हिन्दुओं का मनोबल बढ़ाने के लिए अहम माना जा रहा है। वहीं बंगाल में लगातार होती हिंसा को देखते हुए भी इन शोभायात्राओं को सकुशल संपन्न कराना एक चुनौती है।
इंडिया टुडे से बात करते हुए, विहिप के बंगाल मंडल के वरिष्ठ प्रवक्ता, सौरीश मुखर्जी ने कहा, “वे रामनवमी को भव्य तरीके से नहीं मना सकते थे क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कोविड की स्थिति के कारण शुरू हुआ था, इसलिए उन्होंने 2022 में रामनवमी को पूरे बंगाल में भव्यतम तरीके से मनाए जाने की योजना बनाई है।
रिपोर्ट के अनुसार, मुखर्जी ने बताया, “कुल मिलाकर, हमारी पश्चिम बंगाल में 1,000 से अधिक शोभा यात्राएँ निकालने की योजना है। कोलकाता में भी रामनवमी पर 20 रैलियाँ निकाली जाएँगी।”
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के रोड़े अटकाने की वजहों से कहा जा रहा है कि विश्व हिन्दू परिषद के लोग बंगाल पुलिस की अनुमति नहीं माँगेंगे बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस थानों को शोभायात्रा की सूचना दी जाएगी। ऐसे में सवाल या भी उठता है कि अगर बंगाल पुलिस ने अनुमति नहीं दी तो विहिप क्या करेगी?
इसका जवाब देते हुए मुखर्जी ने कहा, “हमें नहीं लगता कि रामनवमी पर शोभा यात्रा निकालने के लिए अनुमति की आवश्यकता है, लेकिन हम पुलिस को सूचित करेंगे। अगर वे इसकी अनुमति नहीं भी देते हैं, तब भी हम रामनवमी पर रैलियाँ निकालेंगे।”
चूँकि, रामनवमी की शोभायात्रा में परंपरा के अनुसार आयुध पूजा या अस्त्र-शास्त्रों की पूजा का भी विधान है। ऐसे में बंगाल में हिंसा की हालिया घटनाओं को देखते हुए प्रशासन के सहयोग पर जोर दिया जा रहा है।
मुखर्जी ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल के पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि रामनवमी के दौरान विहिप के किसी भी कार्यक्रम में उपद्रवी बाधा न बनें। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले समय में विहिप की रैली को लेकर राज्य सरकार की कैसी प्रतिक्रिया होती है।