सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी एक आदमी को बेरहमी से मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में दिख रहा आदमी हाथ जोड़कर दया की भीख माँग रहा है, लेकिन पुलिसकर्मी उसे पीटते रहे।
दिव्य मराठी की रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 09 अप्रैल 2021 को महाराष्ट्र के जालना जिले के एक अस्पताल परिसर की है और जिस व्यक्ति को पीट जा रहा है वह स्थानीय भाजपा नेता शिवराज नरियालवाले हैं। स्थानीय अखबार में बताया गया कि घटना के दिन जालना के एक निजी अस्पताल में एक युवक की मौत हो गई। युवक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। इसके बाद से जालना में भाजपा के युवा मोर्चा के महासचिव शिवराज नरियालवाले अस्पताल पहुँच गए और अस्पताल प्रशासन से प्रश्न करने लगे।
अस्पताल की लापरवाही के बाद मृत युवक के परिजनों और अस्पताल प्रबंधन के बीच बहस हो गई और बात बढ़ने पर पुलिस को सूचना दी गई।
अस्पताल की सूचना पर डीएसपी सुधीर खिराड़कर और कादिम जालना पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रशांत महाजन घटनास्थल पर पहुँच गए। पहले तो पुलिसकर्मी मृत युवक के परिजनों को समझा रहे थे, लेकिन जब परिजन नहीं माने तो पुलिस अधिकारियों ने उनसे बदतमीजी शुरू कर दी। भाजपा नेता शिवराज नरियालवाले ने पुलिसकर्मियों की बदतमीजी को फोन में कैद करना चाहा। पुलिस अधिकारी इस बात से नाराज हो गए और उन्होंने नरियालवाले को एक दूसरे कमरे में ले जाकर बेल्ट और रॉड से उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी। डर के कारण भाजपा नेता ने इस बात की कहीं शिकायत नहीं की।
2 महीने बाद घटना के बारे में बताया
हाल ही में जब डीएसपी सुधीर खिराड़कर के घूस लेने के मामले में सस्पेंड होने की खबर आई तब भाजपा नेता नरियालवाले ने वीडियो रिलीज किया और अपनी आपबीती सुनाई। दिव्य मराठी से बात करते हुए नारियलवाले ने 09 अप्रैल 2021 को हुई घटना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तब मैं पुलिस अधिकारियों के डर से कुछ नहीं बोल सका, लेकिन अब कोई डर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों द्वारा की गई पिटाई के कारण न केवल शारीरिक चोट लगी बल्कि वे मानसिक रूप से भी आहत हुए। भाजपा नेता ने कहा कि अब वे चुप नहीं रहेंगे। जिन्होंने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की है उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत मामला दर्ज करवाएँगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शासनकाल में महाराष्ट्र पुलिस की मनमानी की कई खबरें आईं। पिछले साल ही शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार से फीस में छूट की माँग कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ भी महाराष्ट्र पुलिस ने बदतमीजी की थी। इसके अलावा नवंबर 2020 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर की जाने वाली अवैध कार्रवाईयों का विरोध कर रहे भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के कार्यकर्ताओं के साथ मुंबई पुलिस की बदतमीजी सामने आई थी।