Sunday, December 22, 2024
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मुजफ्फरनगर स्कूल में बच्चे की पिटाई को हिंदू-मुस्लिम एंगल से फैलाया लिबरल गैंग ने, UP पुलिस ने बताई सच्चाई: जुबैर वीडियो डिलीट कर भागा

प्रियंक कानूनगो ने अपने पोस्ट में लिखा, "मामले का संज्ञान ले कर कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी से निवेदन है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें। इस तरह की घटना की जानकारी ईमेल द्वारा दें। बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध के भागी न बनें।"

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल का वीडियो सामने आया है, जिसमें एक बच्चे को अन्य छात्र पीटते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर इसे दो वर्गों के बीच का मसला बताया जा रहा है। वहीं, पुलिस ने कहा कि टेबल नहीं याद करने पर उसे दंड दिया गया है। NCPCR ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।

मामला मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल का है। स्कूल के वायरल वीडियो को लेकर यूपी पुलिस ने हाल ही में एक बयान जारी किया है। पुलिस का कहना है कि जाँच में पता है कि महिला टीचर ने टेबल नहीं याद करने पर पहली कक्षा के बच्चे की अन्य बच्चों से पिटाई लगवाई थी। इसको लेकर संबंधित विभाग विभागीय कार्रवाई करेगा।

पुलिस ने कहा, “थाना मंसूरपुर पुलिस को सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो का संज्ञान प्राप्त हुआ है, जिसमें एक महिला टीचर द्वारा एक बच्चे को टेबल नहीं याद करने पर उसके क्लास के अन्य बच्चों द्वारा मार लगवाई जा रही है। वीडियो में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की जा रही है। इस टिप्पणी के विषय में गहनता से जाँच की गई।”

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, “स्कूल के प्रिंसिपल से बात की गई तो ये तथ्य प्रकाश में आया कि महिला टीचर द्वारा ये डिक्लेयर किया गया कि जिन मोहम्मडेन बच्चों की माँ, बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती है उन बच्चों की पढ़ाई का नाश हो जाता है। जो वीडियो बना रहा है, वह शख्स इसकी पुष्टि करता है। इस संबंध में BSE को अवगत करा दिया गया है और बच्चों के द्वारा जो मारपीट की जा रही है, उस संबंध में संबंधित टीचर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।”

वहीं, इस घटना का राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग- NCPCR ने भी संज्ञान लिया है। NCPCR के चीफ प्रियंक कानूनगो ने X पर अपने पोस्ट में कहा कि इस मामले में संज्ञान लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बच्चों का वीडियो शेयर नहीं करने के लिए भी लोगों से कहा।

प्रियंक कानूनगो ने अपने पोस्ट में लिखा, “मामले का संज्ञान ले कर कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए जा रहे हैं। सभी से निवेदन है कि बच्चे का वीडियो शेयर न करें। इस तरह की घटना की जानकारी ईमेल द्वारा दें। बच्चों की पहचान उजागर कर अपराध के भागी न बनें।”

हालाँकि, इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर अलग रंग देकर सियासत करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, समाज में विभाजन पैदा और नफरत फैलाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं।

फेक न्यूज फैलाने के बाद जब सच्चाई सामने आई तो वीडियो डिलीट कर भागा जुबैर

इस पूरे मामले में हमेशा की तरह लेफ्ट-लिबरल गैंग आगे है। ऑल्ट न्यूज वाले मोहम्मद जुबैर ने गिरफ्तारी के डर से और सच्चाई सामने आने के बाद अपना वीडियो डिलीट कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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