तमिलनाडु में हिंदी भाषियों पर कथित हमले की खबरों को वहाँ की पुलिस ने सिरे से नकार दिया है। पुलिस ने कहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल सभी वीडियो फर्जी हैं। पुलिस का कहना है कि आपसी रंजिश को लेकर हुई हत्या के वीडियो को तमिलनाडु में हिंसक घटनाओं का वीडियो बताकर वायरल किया गया था।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, त्रिरुपुर के पुलिस आयुक्त अभिषेक शुक्ला ने कहा है कि झारखंड के रहने वाले उपेंद्र धारी ने बिहारी मजदूर पवन यादव की हत्या आपसी रंजिश के चलते की थी। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद इसे सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में उत्तर भारतीयों पर हो रही हिंसा के रूप में दिखाया गया था। उन्होंने यह भी कहा है कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। फर्जी वीडियो शेयर करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
यही नहीं, वायरल वीडियो को पुराना बताते हुए त्रिची एसपी सुजीत कुमार ने कहा है कि बिहारियों पर हमले की खबरें पूरी तरह से अफवाह हैं। कोयंबटूर के डीएम क्रांति कुमार पाटिल और एसपी सिटी वी बालाकृष्णन ने भी वीडियो को फर्जी बताते हुए बिहारी मजदूरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। इसी तरह तूतीकोरिन के एसपी बालाजी सरवनन ने कहा है, “उत्तरी राज्य के मजदूरों (बिहार) पर हमले के संबंध में सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह झूठी है। यह तूतीकोरिन जिले की घटना है, सभी पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात हैं।”
Tamil Nadu | Balaji Saravanan is the SP of Tuticorin and not the DSP as was mentioned earlier.
— ANI (@ANI) March 6, 2023
डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हो रही हिंसा की अफवाह के बीच तमिलनाडु में हुई एक और मौत की खबर से इस अफवाह को बल मिला। दरअसल, 26 फरवरी को बिहार के जमुई जिले के एक युवक का शव फंदे से झूलता हुआ मिला था। इस मौत को भी बिहारियों पर हुए हमले से जोड़कर दिखाया गया। इससे तमिलनाडु में रहने वाले हिंदी भाषी दहशत में आ गए।
यही नहीं, तमिलनाडु के मराईमलाई में रहने वाले झारखंड के मनोज यादव और उसके दोस्तों ने भी एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में उन लोगों ने दावा किया था कि चेन्नई से हिंदी भाषियों को भगाया जा रहा है। वीडियो में उसने सरकार से विनती करते हुए कहा था कि उसके पास तमिलनाडु से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। साथ ही कहा कि ट्रेन और बस से जाने वालों को मारा जा रहा है। यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। हालाँकि, अब तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो शेयर करने वाले व्यक्ति मनोज को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तारी के बाद मनोज ने स्वीकार किया है कि उसने फेमस होने के लिए वीडियो बनाया था।
and requested the Government of Tamilnadu and jharkhand to help them to return back to their native place.
— Tamil Nadu Police (@tnpoliceoffl) March 7, 2023
Tambaram city police investigated into this and found out, this video was created by Manoj Yadav for gaining popularity and to create unrest among the migrant workers(2/3)
दरअसल, सोशल मीडिया में कोई भी खबर सामने के बाद यूजर्स उसे अन्य लोगों के साथ शेयर करना शुरू कर देते हैं। फेसबुक से लेकर ट्विटर और यूट्यूब तक बिहारियों के साथ तमिलनाडु में हो रही हिंसा की खबरें वायरल हो रही थीं। ऐसे कई वीडियो सामने आ रहे थे, जिनमें दावा किया जा रहा था कि तमिलनाडु में हिंदी भाषियों के साथ हिंसा हो रही है। हालाँकि, इसको लेकर तमिलनाडु और बिहार पुलिस दोनों की ही तरफ से कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में बिहार पुलिस ने यूट्यूबर मनीष कश्यप समेत 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें से एक आरोपित अमन कुमार को गिरफ्तार भी किया है। वहीं तमिलनाडु पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने कहा है, “हमने मीडिया में जो कुछ भी देखा है। वह सब फर्जी वीडियो हैं। इनमें से अधिकांश तमिलनाडु वीडियो का तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है। जिन जगहों पर उत्तर भारतीय लोग काम कर रहे हैं वहाँ हमने पुलिस गश्त तेज कर दी है। हिंदी जानने वाले पुलिसकर्मी लगातार उनके संपर्क में हैं। हमने चैनलों से फेक कंटेंट हटाने का अनुरोध किया है। वीडियो न हटाने वाले 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।”