नया साल शुरु होते ही भगौड़े विजय माल्या को प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के स्पेशल कोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया है। दरअसल, ताजा जानकारी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) की विशेष अदालत ने आज भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और कई अन्य बैंकों को भगौड़े विजय माल्या की जब्त संपत्ति को बेचकर कर्ज वसूली करने की इजाजत दी है।
लेकिन, विजय माल्या के वकीलों ने मुंबई में हो रही इस मामले की सुनवाई के दौरान आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा था कि यह केवल डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल ही तय कर सकता है। जिसके मद्देनजर स्पेशल कोर्ट ने इस निर्णय पर 18 जनवरी तक स्टे लगाया है, ताकि माल्या इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर सकें।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले पिछले साल फरवरी के महीने में ईडी पीएमएलए कोर्ट को बोल चुकी है कि उसे इसमें कोई आपत्ति नहीं है, अगर माल्या की संपत्ति से वसूली की जाए।
A new year setback for Vijay Mallya.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 1, 2020
SBI is set to auction Vijay Mallya’s assets after a special PMLA Court approved for its detachment.
TIMES NOW’s Bhavatosh Singh with details. Listen in. pic.twitter.com/CRxWEDy2hU
बैंकों के करीब नौ हजार करोड़ रुपए के लोन ना चुकाने, बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ब्रिटेन में माल्या को मुकदमें का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा भारत में भी उसपर कार्रवाई जारी है।
#Breaking | Trouble mounts for Vijay Mallya.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 1, 2020
A special PMLA Court has allowed the detachment of Mallya’s assets & subsequently they will be liquidated soon.
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इस हालिया कार्रवाई से पहले बता दें दिसंबर महीने में विजय माल्या मामले में लंदन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। जिसके बाद कयास लगाए गए थे कि कोर्ट जनवरी में विजय माल्या पर फैसला सुना सकता है। वहीं, कहा जा रहा है कि विजय माल्या पर दायर दिवालिया घोषित होने की याचिका खारिज या रद्द हो सकती है।
बता दें कि विजय माल्या 2 मार्च, 2016 को देश छोड़कर लंदन भाग गया था। माल्या को कड़ा झटका देते हुए मुंबई की धनशोधन निरोधक क़ानून (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने उसे भगोड़ा ‘आर्थिक अपराधी’ घोषित कर दिया था। लंदन की एक अदालत ने 10 दिसंबर, 2018 को उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जावीद ने चार फ़रवरी 2019 को माल्या को करारा झटका देते हुए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। माल्या को वहाँ के हाईकोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिनों का समय दिया गया था।