Sunday, December 22, 2024
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‘हिंसा फैलाने वालों के दिन लद गए, जो सद्भावना रखेंगे वही रहेंगे’: संघ प्रमुख मोहन भागवत की दो टूक

कुछ दिन पहले भागवत ने अखंड भारत को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि संघ के लिए अखंड भारत हमेशा से सर्वोपरि रहा है। जिस तरह से चीजें आगे बढ़ रही है, उससे अगले 20-25 साल में यह काम पूरा हो जाएगा, लेकिन सामूहिक प्रयास को गति देने पर यह जल्दी भी पूरा हो सकता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक (प्रमुख) मोहनराव भागवत (Mohan Rao Bhagwat) ने गुरुवार (28 अप्रैल 2022) को कहा कि जिस समाज को हिंसा पसंद है, वो अपना अंतिम दिन गिन रहा है। उन्होंने कहा कि हिंसा से किसी को फायदा नहीं होता। सभी समुदायों को मिलकर मानवता की रक्षा करनी चाहिए।

संघ प्रमुख भागवत ने यह बता महाराष्ट्र के अमरावती के एक कार्यक्रम में उस दौरान कही, जब रामनवमी और हनुमान जयंती को लेकर देश भर में पथराव और हिंसा की घटनाएँ सामने आईं। इनमें दिल्ली का जहाँगीरपुरी, मध्य प्रदेश का खरगोन, गुजरात, कर्नाटक आदि प्रमुख जगहें हैं, जहाँ शोभायात्रा के दौरान जुलुसों पर पथराव किया गया था।

भागवत ने कहा, “हमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं। हमारे पास सभी इच्छाओं को पूरी करने का समय हमारे पास है, क्योंकि हम सत्य पर हैं। हम सबको अपना मानकर चलते हैं। तो हमारे पास सदा के लिए समय है। हमारी बातें गलत हैं, किसी दूसरे का विरोध करने वाली हैं, दुनिया में अशांति और हिंसा फैलाने वाली हैं तो अब उसके दिन लद गए।”

उन्होंने आगे कहा, “आखिरी छटपटाहट अहिंसा की चाहिए और सद्भावना की चाहिए। जो अहिंसा पर चलते हैं, जो सत्य पर चलते हैं, सद्भावना पर चलते हैं, न्याय पर चलते हैं, उनके लिए समय है, क्योंकि वे रहने वाले हैं।”

अखंड भारत को लेकर मोहन भागवत

कुछ दिन पहले भागवत ने अखंड भारत को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि संघ के लिए अखंड भारत हमेशा से सर्वोपरि रहा है। जिस तरह से चीजें आगे बढ़ रही है, उससे अगले 20-25 साल में यह काम पूरा हो जाएगा, लेकिन सामूहिक प्रयास को गति देने पर यह जल्दी भी पूरा हो सकता है।

भागवत ने 13 अप्रैल 2022 को हरिद्वार में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, “इसी गति से चले तभी गणना से काम होने वाला है। हम थोड़ी गति और बढ़ा देंगे तो आपने 20-25 साल कहा, मैं 10-15 ही कहता हूँ। उसमें जिस भारत का सपना देखकर हम चल रहे थे, वो भारत स्वामी विवेकानंद ने जिसको अपने मनुचक्षों से देखा था। और जिसके उदय की महर्षि योगी अरविंद ने भविष्यवाणी की थी वो हम इसी देह में, इन्हीं आंखों से अपने इस जीवन में देखेंगे। मेरी शुभकामना भी है, ये आप की इच्छा भी है और हम सबका संकल्प भी है।”

इससे पहले फरवरी 2021 में उन्होंने कहा था, ”आने वाले समय में अखंड भारत की ज़रूरत है। भारत से अलग होने वाले क्षेत्र जो वर्तमान में खुद को अलग मानते हैं, उनके लिए भारत से जुड़ना आवश्यकता है। ऐसे कई क्षेत्र जो खुद को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं उनमें अस्थिरता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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