ज्ञानवापी में शिवलिंग मिलने के बाद शुरू हुआ महादेव का अपमान और नुपूर शर्मा केस में कट्टरपंथियों की धमकियाँ आना अभी रुकी नहीं है। ऐसे में हाल में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का बयान आया है। उन्होंने बेबाकी से काशी मथुरा समेत तमाम मुद्दों पर बात करते हुए ध्यान दिलाया कि कैसे हिंदू होकर लोग श्रीराम भगवान, श्रीकृष्ण भगवान के बारे में बात कर लेते हैं, लेकिन कोई पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी बातें नहीं कर सकता है।
आर्गेनाइजर को दिए इंटरव्यू में आलोक कुमार ने कहा कि नुपूर शर्मा ने अपने बयान में कुछ गलत नहीं कहा। उन्होंने जो कहा पैगंबर मोहम्मद के जीवन से जुड़े दो किस्सों पर था। उनके बयान में सिर्फ उनकी टोन गलत थी। अभी ये मामला कोर्ट में है और कोर्ट निर्णय लेगा कि क्या सही बोला गया और क्या गलत।
नुपूर शर्मा केस पर बात करते हुए आलोक कुमार ने ध्यान दिलाया कि कैसे नुपूर द्वारा केवल पैगंबर मोहम्मद का जिक्र कर देने से उन्हें ये नफरत झेलनी पड़ी। आलोक आगे बताते हैं कि एक बार पैगंबर मोहम्मद की बेटी पर एक फिल्म बनी तो पूरे विश्व में उसका विरोध हुआ। मगर इंग्लैंड ने उसके लिए लड़ाई लड़ी। फिल्म अब फ्री है। हर कोई उसे देख सकता है। फिल्म नेटफ्लिक्स पर भी उपलब्ध है।
उन्होंने कहा, “इस्लाम हमारे ऊपर एक तरह की सेंसरशिप को नहीं थोप सकता जैसा उसने विश्व के कई कोनों में हुआ।” उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए आगे कहा, “हम राम के बारे में बोल सकते हैं, श्रीकृष्ण के बारे में बोल सकते हैं। लेकिन पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपने मुँह से नहीं बोल सकते। वो इनके लिए बिलकुल अस्वीकार्य हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि वो हिंदू होने के नाते रामचरितमानक की चौपाइयों पर आधारित धर्म से जुड़े जवाब देते हैं और इन्हें उसमें कोई अपमान नहीं लगता। वह बोले भारत जैसे देश में जहाँ हर धर्म का सम्मान होता है। लोग अन्य धर्मों की जानकारी से लेते हैं। वाजिब सवाल उठाते हैं। अब जब तक ये सवाल अपमान न करने वाले हों तब तक हर उचित सवाल कानून के दायरे में आता है चाहे वो पैगंबर पर हो या कुरान पर हो।
हिंदू धर्म और उनके त्योहारों पर उड़ते मजाक को लेकर आलोक ने उन्होंने कहा कि विश्वहिंदू परिषद और बजरंग दल सड़कों पर उतरकर इन चीजों को विरोध करने वाली है और मुस्लिमों द्वारा की गई हिंसा और हिंदू देवी-देवताओं के उड़े मजाक पर इस संबंध में सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा। वीएचपी उन लोगों को कोर्ट में लेकर जाएगी और सिविल सोसायटी में उनसे आमना सामना होगा। पूछा जाएगा कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सबके लिए है या नहीं?
बता दें कि नुपूर शर्मा केस पर बोलने के अलावा आलोक कुमार मथुरा काशी मुद्दे पर भी स्पष्ट टिप्पणी देने के बाद चर्चा में आए हैं। उन्होंने रायपुर में विश्व हिंदू परिषद की बैठक में मीडिया चर्चा के दौरान कहा कि काशी विश्वनाथ और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मस्थल को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए। यह स्थान हिंदुओं के हैं और हिंदुओं को वापस मिलने चाहिए। ये माँग विश्व हिंदू परिषद के एजेंडे का भी हिस्सा और इसे लेकर संगठन काम कर कर रहा है।
उन्होंने देश में बिगड़ते माहौल को लेकर भी साफ किया कि वो किसी हिंसक घटना का समर्थन नहीं करते। वीएचपी जो करेगा कानून और संविधान के विरुद्ध जाकर नहीं करेगा। उन्होंने समाज में मुस्लिम समुदाय द्वारा की जा रही हिंसा की निंदा की और आरोपितों के विरुद्धा संवैधानिक कार्रवाई की माँग की। उन्होंने कहा कि इन चीजों से निपटने में पुलिस सक्षम है लेकिन जरूरत पड़े तो संगठन सामने आएगा।