पश्चिम बंगाल के पूर्वी बर्दवान जिले में एक व्यक्ति की हत्या के बाद कई घरों को आग के हवाले कर दिया गया। मछली व्यवसायी उत्पल घोष की मनोज घोष ने रविवार (3 अप्रैल 2022) को हाथापाई के बाद कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। उत्पल जिले के गलसी थाना क्षेत्र के लोआ संतोषपुर गाँव के रहने वाले थे। रिपोर्टों में बताया गया है कि दोनों के बीच आपसी दुश्मनी थी। मनोज रविवार को उत्पल के घर गया था और फिर किसी काम के बहाने बाहर बुलाया। बाद में उत्पल का शव सड़क पर पड़ा मिला। पास में ही कुल्हाड़ी भी पड़ी थी। इसके बाद गाँव में हड़कंप मच गया।
घटना के तुरंत बाद पुलिस ने मनोज समेत पाँच लोगों को हिरासत में लिया। उसने हत्या की बात कबूल कर ली, जिसके बाद पुलिस ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। कथित तौर पर मनोज और उत्पल में बहस हो गई थी। इस दौरान मनोज ने कुल्हाड़ी उठाई और उत्पल की हत्या कर दी।
पुलिस ने उत्पल के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सोमवार (4 अप्रैल 2022) को जब शव गाँव पहुँचा तो ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर मनोज, उसके चाचा खेत्रनाथ घोष और हरधन घोष के घरों पर हमला बोल दिया। उन्होंने उनके घरों के बाहर पुआल में आग लगा दी। आक्रोशित भीड़ ने घरों के आसपास खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया।
घटना के वक्त पुलिस मौके पर पहले से मौजूद थी। लेकिन वह भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकी। हिंसा के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की कंपनियों को तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक (SP) कामनाशीश सेन ने एक बयान में कहा कि हत्या के आरोप में मनोज घोष को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने हिंसा में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी दोषियों को पकड़ लिया जाएगा। हिंसा और आगजनी मामले में अब तक 39 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उत्पल की पत्नी ने लगाया मनोज पर उत्पीड़न का आरोप
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक की पत्नी ने मनोज पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। उसने कहा कि मनोज अक्सर बुरे इरादों से उससे संपर्क करता था। उसने उसे चरित्रहीन बताते हुए कहा कि अगर वह उसे घर में अकेला पाता था, तो वह दरवाजे पर पीटना शुरू कर देता और अंदर पत्थर फेंक देता था। पुलिस ने मनोज को इस मामले में गिरफ्तार भी किया था, लेकिन फिर बाद में छोड़ दिया गया। उसने मनोज के पिता कार्तिक घोष और उसकी माँ पर उत्पल की हत्या का आरोप लगाया और माँग की कि उन्हें गाँव से बाहर निकाल दिया जाए। उन्होंने प्रशासन से मनोज को फाँसी की सजा देने की माँग की है।
अपराध स्थल की जाँच कर रही फॉरेंसिक टीम
मंगलवार (5 अप्रैल 2022) को फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने के लिए संतोषपुर पहुँची। टीम में सीआईडी इंस्पेक्टर शैवल बागची और तीन अन्य अधिकारी थे। उन्होंने उत्पल को मारने के लिए इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी की भी जाँच की।
बीरभूम नरसंहार
इससे पहले बंगाल के बीरभूम में भी इसी तरह की हिंसा हुई थी। 22 मार्च 2022 की देर रात बदमाशों के एक समूह ने लगभग 12 घरों में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप बीरभूम के रामपुरहाट में महिलाओं और मासूम बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। जले हुए शवों की ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला था कि घरों में आग लगाने से पहले लोगों को उनके घरों में बंद कर पीटा गया था। यह नरसंहार एक टीएमसी नेता की हत्या का कथित बदला लेने के लिए अंजाम दिया गया था।