पश्चिम बंगाल से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक बेबस पिता को अपने 5 महीने के बच्चे का शव बैग में डालकर बस से 200 किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर होना पड़ा। आशीम देबशर्मा (पिता) ने रविवार (14 मई, 2023) को मीडियाकर्मियों से बताया कि एंबुलेंस चालक ने सिलीगुड़ी से कालियागंज उनके घर तक बच्चे के शव को ले जाने के लिए 8000 रुपए माँगे थे। उनके पास चालक को देने के लिए इतने पैसे नहीं थे, जिसके कारण उन्हें अपने 5 महीने के बच्चे का शव बैग में रखकर 200 किमी तक बस में सफर करना पड़ा।
इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता (भाजपा) शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार की ‘स्वास्थ्य साथी’ (Swasthya Sathi) स्वास्थ्य बीमा योजना पर सवाल उठाया है। वहीं टीएमसी ने भाजपा पर एक बच्चे की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर राजनीति करने का आरोप लगाया। मीडिया से बातचीत करते हुए देबशर्मा का वीडियो अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए अधिकारी ने लिखा, “हम तकनीकी बातों में न जाएँ लेकिन क्या ‘स्वास्थ्य साथी’ यही हासिल करने के लिए है? यह दुर्भाग्य से ‘एगीये बांग्ला’ (उन्नत बंगाल) मॉडल की सच्ची तस्वीर है।”
This is Ashim Debsharma; father of a 5 month old infant who died in a Medical College in Siliguri.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) May 14, 2023
He was being charged Rs. 8000/- to transport the dead body of his child. Unfortunately after spending Rs. 16,000/- in the past few days during the treatment, he couldn't pay the… pic.twitter.com/G3migdQww8
सोशल मीडिया पर आशीम देबशर्मा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। बच्चे के पिता आशीम देबशर्मा (Ashim Debsharma) ने बताया, “छह दिनों तक सिलीगुड़ी के नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में इलाज के बाद मेरे 5 महीने के बेटे की शनिवार (13 मई, 2023) रात मौत हो गई। इस दौरान मैंने उसके इलाज के लिए 16,000 रुपए खर्च किए।” उन्होंने स्थानीय रिपोर्टर से कहा, “मेरे बच्चे को कालियागंज तक ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 8000 रुपए माँगे, जो मेरे पास नहीं थे।”
This poor person has to carry the dead body of his child in the bag. He didn’t find any Ambulence. This is the condition of the health facility in West Bengal. This case is from Uttar Dinajpur district . Sad but this is the reality across all districts in West Bengal. pic.twitter.com/gOziExkCVF
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) May 14, 2023
देबशर्मा ने दावा किया कि एंबुलेंस नहीं मिलने पर उन्होंने शव को एक बैग में डाल लिया और दार्जिलिंग के सिलीगुड़ी से करीब 200 किलोमीटर तक उत्तर दिनाजपुर के कालियागंज तक बस से सफर किया। इस दौरान पिता ने किसी भी यात्री को इस बात की भनक नहीं लगने दी। क्योंकि उन्हें डर था कि अगर इस बारे में सहयात्रियों को पता चल गया तो वे उसे बस से उतार देंगे। उन्होंने आगे कहा कि 102 योजना के तहत एक एंबुलेंस चालक ने उनसे कहा था कि यह सुविधा मरीजों के लिए मुफ्त है न कि शव को ले जाने के लिए।
बता दें कि ऐसी ही एक घटना इस साल जनवरी में पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में हुई थी। एंबुलेंस चालक को तय शुल्क से तीन गुना रकम देने में असमर्थ एक व्यक्ति करीब 50 किलोमीटर तक अपनी माँ के शव को अपने कंधों पर उठाकर घर लेकर गया था।