Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजबंगाल: देश का वह राज्य जहाँ कोरोना से मरने वालों के अंतिम दर्शन के...

बंगाल: देश का वह राज्य जहाँ कोरोना से मरने वालों के अंतिम दर्शन के लिए हाई कोर्ट को आना पड़ा

अभी राज्य में जिनकी मौत कोरोना की वजह से हो रही थी उनके परिजनों को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा था। इसके बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार राज्य में कोरोना वायरस से जान गॅंवाने वाले लोगों के परिजनों को उनका शव देखने की इजाजत देने के लिए तैयार हो गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

अभी राज्य में जिनकी मौत कोरोना की वजह से हो रही थी उनके परिजनों को अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा था। इसके बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था।

कुछ लोगों ने तो अपनों के मौत के कई दिनों बाद इसकी सूचना देने का आरोप भी प्रशासन पर लगाया था। ऐसा ही एक मामला एमआर बांगुर अस्पताल में हरिनाथ सेन की मौत का है। उनके परिजनों के अनुसार सेना की मौत की खबर उन्हें चार दिन बाद लगी थी और अस्पताल प्रशासन ने उन्हें खबर किए बिना अंतिम संस्कार कर दिया था।

हाई कोर्ट के निर्देशानुसार शनिवार (6 मई 2020) को राज्य सरकार द्वारा संक्रमण से मारे गए मरीजों के अंतिम दर्शन को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया।

इससे पहले शुक्रवार को हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से संक्रमण के कारण मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार को लेकर रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा था। रिपोर्ट सही तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किए जाने के आरोपों को लेकर मॉंगी गई है।

कोर्ट के निर्देश के बाद बंगाल सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की है उसमें ये बातें कही गई है;

  • कोरोना से अब यदि किसी की मौत होती है तो मृतक के परिवार को शव के अंतिम दर्शन की इजाजत दी जाएगी।
  • अंतिम दर्शन के लिए मृतक के पार्थिव शरीर को अस्पताल में ही एक निर्दिष्ट स्थान पर रखा जाएगा। इसके बाद परिवार के सदस्यों को 1 घंटे में इसकी सूचना दे दी जाएगी।
  • परिवार के सदस्य उक्त निर्दिष्ट स्थान पर पहुॅंचेंगे और 10 से 12 फुट की दूरी से शव का अंतिम दर्शन करेंगे। अंतिम दर्शन के लिए केवल 30 मिनट दिया जाएगा।
  • शव को एक प्लास्टिक के बैग में सुरक्षित रखा जाएगा। शव का स्पर्श करने या पास जाने की इजाजत नहीं होगी।
  • मृतक के दर्शन से पहले अस्पताल द्वारा उन्हें सुरक्षा उपकरण जैसे कि ग्लव्स, मास्क आदि उपलब्ध कराया जाएगा।
  • परिजनों द्वारा अंतिम दर्शन के बाद ही शव का सरकार की तरफ से अंतिम संस्कार किया जाएगा।
  • जहॉं अंतिम संस्कार होगा वहॉं परिवार के किसी भी सदस्य को जाने की इजाजत नहीं रहेगी। सरकारी और निजी दोनों की अस्पतालों पर यह लागू होगा।
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -