पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बेनियाटोला इलाके में स्थित में प्रसिद्ध भूतनाथ मंदिर में पूजा करने के लिए इकट्ठा हुए हिन्दू श्रद्धालुओं पर सोमवार (16 अगस्त 2021) को पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वैसे तो राज्य के अधिकांश मंदिर खोल दिए गए हैं लेकिन भूतनाथ मंदिर को अभी भी ‘कोरोना प्रतिबंधों’ के नाम पर बंद रखा गया है। श्रावण महीने में हिन्दुओं के लिए भूतनाथ मंदिर का विशेष महत्व है। हर सोमवार को कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों से भक्त मंदिर पहुँचते हैं। अब चूँकि मंदिर बंद है ऐसे में श्रद्धालु मंदिर के गेट के बाहर से ही प्रार्थना करते हैं।
सोमवार को जब भक्त मंदिर में प्रार्थना करने के लिए पहुँचे तब पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई। इसके अलावा सिविल ड्रेस में भी दो लोग एक शिवभक्त को पीटते दिखाई दिए जिसने भगवा कपड़े पहने हुए थे। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसे बंगाल भाजपा इकाई ने ट्विटर पर शेयर किया और लिखा, “भूतनाथ मंदिर के सामने भगवान शिव के भक्तों के साथ कोलकाता पुलिस द्वारा मारपीट की गई। क्या शिवभक्त ऐसे व्यवहार के ही अधिकारी हैं? बंगाल में ममता बनर्जी का शासन तालिबानी शासन का एक छोटा रूप है। शर्मनाक।”
In front of the Bhootnath temple, the devotees of Shiva were brutally beaten by the Kolkata police.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) August 16, 2021
Is this what the devotees of Shiva deserve?
Mamata Banerjee’s reign in Bengal serves as a microcosm of the Taliban rule! Shame! pic.twitter.com/XSAO9SwD35
बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष रितेश तिवारी ने इस घटना को क्रूर बताया और कहा कि कोलकाता पुलिस भूतनाथ मंदिर के सामने शिवभक्तों को बुरी तरह से पीट रही है, जो एक हृदय विदारक घटना है। तिवारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में कानून-व्यवस्था की तुलना तालिबान शासित अफगानिस्तान से की।
Shocking and barbaric!
— Ritesh Tiwari (@IamRiteshTiwari) August 16, 2021
The @KolkataPolice is mercilessly beating the Shiva Devotees in front of Kolkata’s Bhootnath Temple and it is really a painful sight to watch.
Is this what these innocent devotees deserve?
Bengal saw another form of Taliban rule under @MamataOfficial . pic.twitter.com/xT9mOydGEi
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद शुरू हुई हिंसा में, जिसमें तृणमूल कॉन्ग्रेस के गुंडों का हाथ था, हजारों हिन्दुओं का जीवन प्रभावित हुआ था। विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने मई में प्रेस वक्तव्य जारी किया था जिसमें VHP के केंद्रीय महासचिव मिलिंद परांदे के हवाले से कहा गया था कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिन्दू समाज पश्चिम बंगाल में 02 मई से शुरू हुई वीभत्स और बर्बर राजनैतिक हिंसा झेल रहा है। प्रेस वक्तव्य में कहा गया था कि इस हिंसा में 3500 से अधिक गाँव और 40,000 से अधिक हिन्दू (जिसमें अधिकांशतः SC और ST समुदाय के लोग शामिल हैं) प्रभावित हुए हैं।