बंगाल के हुगली जिले के तेलीनिपाड़ा इलाके में हिंदुओं के ख़िलाफ साम्प्रदायिक हिंसा को बंगाल पुलिस ने ‘ताना मारने’ का अंजाम बताया है। सीएम ममता बनर्जी के करीबी माने जाने चंदन नगर पुलिस आयुक्त हुमायूँ कबीर ने हिंदुओं पर कट्टरपंथियों के हमले को जस्टिफाई करते हुए यह बात कही है।
स्वराज्य के अनुसार, पुलिस अधिकारी हुमाँयू कबीर ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि पहले हिंदुओं ने मजहब विशेष के एक छोटे से समूह को कोरोना पर ताना मारा। उसके बाद ही दूसरे समुदाय के लोगों को गुस्सा आया। उन्होंने बाद में सॉकेट बम, गैस सिलिंडर, तलवारों , धारदार हथियारों, लोहे की रॉड और ईंट-पत्थर से हमला किया।
गौरतलब है कि साम्प्रदायिक हिंसा के पीछे हिंदुओं के तानों को वजह बताने वाले ये वही पुलिस आयुक्त हैं, जिन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले मुर्शिदाबाद जिला पुलिस प्रमुख के रूप में हटा दिया गया था, क्योंकि वे सत्तारूढ़ तृणमूल कॉन्ग्रेस के पक्ष में थे।
हुमायूॅं कबीर के मुताबिक चंदन नगर में कुछ लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद हिंदुओं ने उर्दी बाजार में दूसरे मजहब वालों पर ताना मारा। इसके बाद वे लोग वापस अपने इलाके में गए और अपने अन्य मजहबी बंधुओं को इस बारे में बताया। वे सब गुस्से में धारदार हथियारों के साथ वहाँ लौटे व हिंदुओं पर हमला किया। हालाँकि, बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद इलाके में अब शांति बहाल हो चुकी है।
पुलिस अधिकारी हुमायूॅं कबीर के इस इस नैरेटिव पर यकीन भी कर ले तो आप समझ सकते हैं कि आज बंगाल के हालात कैसे हैं कि केवल ताना मारने पर कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घर जला दिए और उन पर तलवारों से हमला किया।
आईपीएस अधिकारी अपने बयान में आगे मीडिया को ये भी बताते हैं कि हिंदुओं ने दूसरे मजहब वालों को ताना देने के बाद उनके लिए सार्वजनिक शौचालय का रास्ता भी ब्लॉक किया, जिसे वे इस्तेमाल करते थे। बाद में इसी सब आपसी बहस ने साम्प्रदायिक हिंसा का रूप लिया।
इस घटना पर हुगली से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने बयान देते हुए बताया था कि अजमेर से लौटे कुछ दूसरे मजहब के लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद चंदननगर के लोग सतर्क हो गए थे और उन्होंने अपने इलाके में बाहरी लोगों की एंट्री बंद कर दी थी। मगर, दूसरे मजहब के लोगों ने बैरिकेड लगाने पर रविवार को उन लोगों पर हमला कर दिया।
भाजपा सांसद ने अपने बयान में मंगलवार के हमले को भी पूरी तरह से सुनियोजित बताया था, जिसमें कट्टरपंथी लोग हिंदुओं पर हमला करने के लिए सॉकेट बम, गैस सिलेंडर, धारदार हथियारों से लैस थे।
उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार द्वारा जो इंटरनेट बैन किया गया है उसका उद्देश्य भी केवल सच को सामने आने से रोकना है। देश के लोग इस बात को न जाने सकें कि हिंदुओं पर हुआ ये आक्रमण कितना भयावह था। भाजपा सांसद चटर्जी ने अपने बयान में ये भी आरोप लगाया है कि बंगाल पुलिस इस मामले में उन हिंदुओं को गिरफ्तार कर रही है, जिन्होंने बैरिकेड लगाए और बाहरियों को अपने इलाके में आने से रोका।
वे कहती है कि इस भेदभाव और एकतरफा गिरफ्तारी ने लोगों में डर व्याप्त कर दिया है और लोगों को ये मानने पर मजबूर कर दिया है कि पुलिस एक समुदाय की ओर झुकी हुई है।
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा भी इस मामले पर कहते हैं कि बम स्क्वॉड टीम वहाँ पर है और उन्होंने वहाँ से अभी तक पेट्रोल बम और सॉकेट बमों को बरामद किया है। वे कहते हैं कि विस्फोटकों की बरामदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि विशेष समुदाय हथियारों और विस्फोटकों का भंडार रखता है। वे पूछते हैं कि पुलिस की नाक के नीचे विस्फोटक के भंडार कैसे रखे जा सकते हैं, वो भी लॉकडाउन के दौरान?
यहाँ बता दें कि एक ओर जहाँ बंगाल का हुगली साम्प्रदायिक हिंसा की आग में रविवार और मंगलवार को जलता रहा, वहीं बंगाल का गृह विभाग ये दावे करता रहा कि तेलीनिपाड़ा में शांति बहाल हो गई है और जिन्होंने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी, उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, तेलीनिपाड़ा हिंसा मामले में बताया जा रहा है कि अब तक वहाँ 56 लोगों की गिरफ्तार हुई है और पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है।