पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर टीएमसी के गुंडों द्वारा की गई हिंसा के मामले की जाँच कर रही केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई) ने शनिवार (9 अक्टूबर 2021) को बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 लोगों को गिरफ्तार किया। सभी आरोपितों को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले से गिरफ्तार किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा के मामले में सीबीआई ने नंदीग्राम और सीतलकुची में दो मामले दर्ज किए थे। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने अलग-अलग थानों में करीब 30 से अधिक केस दर्ज की है। वहीं सीबीआई की कार्रवाई पर पूर्व अपेक्षित तरीके से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्रीय एजेंसी पर ही आरो लगा रही हैं। उनका कहना है कि चुनाव बाद हिंसा के मामले में सीबीआई भाजपा के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्हें लगता है कि सीबीआई केवल टीएमसी के कार्यकर्ताओं को ही निशाना बना रही है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के मामले में कोलकाता हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इस मामले की सीबीआई जाँच के आदेश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया था। इतना नहीं कम गंभीर अपराधों की जाँच के लिए कोलकाता हाई कोर्ट में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने का आदेश दिया था, जिसमें राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे।
इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सात सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जुलाई में 50 पेज की रिपोर्ट कोलकाता हाई कोर्ट को सौंपी थी। अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आयोग ने कहा था कि राज्य में ‘कानून का शासन’ नहीं बल्कि ‘शासक का कानून’ है। इसके साथ ही राज्य प्रशासन ने जनता के बीच अपना विश्वास खो दिया है। गौरतलब है कि इसी साल 2 मई को पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद वहाँ बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएँ हुई थीं। इसके बाद हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के हालात जानने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की 4 सदस्यीय टीम पश्चिम बंगाल गई थी।